झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़े टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जाँच कर रही ईडी ने अब ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को समन किया है। ईडी ने आलमगीर आलम को 14 मई 2024 को ईडी के राँची स्थित जोनल कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता और चंपई सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस से जुड़े ठिकानों पर ईडी की रेड में 38 करोड़ रुपए अधिक की नकदी बरामद हो चुकी है, तो सोने का भी बड़ा भंडार मिला है।
आलमगीर आलम को उसी केस में ईडी ने समन किया है, जिसमें ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, उनका भतीजा आलोक रंजन, वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल का सहयोगी हरीश यादव, उनके सहयोगी नीरज मित्तल, रामप्रकाश भाटिया व तारा चंद के अलावा 6 मई 2024 को मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के नौकर जहाँगीर आलम की गिरफ्तारी हो चुकी है। जहाँगीर आलम के कब्जे वाले फ्लैट से 32.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी मिली थी। ये फ्लैट राँची में हरमू रोड के सर सैय्यद अपार्टमेंट में स्थित है। इसके अलावा बहुत सारा पैसा संजीव लाल के करीबी ठेकेदारों के ठिकानों से बरामद हुए, पूरी राशि करीब 38 करोड़ रुपए है।
इस समय संजीव लाल और जहाँगीर आलम ईडी की रिमांड पर हैं, जिनकी रिमांड अवधि 13 मई को समाप्त होगी। ईडी इनकी रिमांड बढ़ाने के लिए पीएमएलए की विशेष अदालत से फिर आग्रह करेगी। बताया जा रहा है कि दोनों से रिमांड पर पूछताछ में मंत्री आलमगीर आलम की भूमिका संदेह के घेरे में आई है, जिसके आधार पर ही उनसे पूछताछ की जानी है। यह भी बताया जा रहा है कि रिमांड अवधि बढ़ाने के बाद ईडी मंत्री आलमगीर आलम को संजीव लाल और नौकर जहाँगीर आलम के सामने बैठाकर पूछताछ करेगी।
कैसे जमा किया गया इतना पैसा?
झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में घूसखोरी और वसूली के इस खेल का लिंक जुड़ा है 13 नवंबर 2019 की एक गिरफ्तारी से, जब एंटी करप्शन ब्यूरो ने ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के अंदर काम करने वाले जेई सुरेश प्रसाद वर्मी को 10 हजार की रिश्वत लेते दबोचा था। सुरेश वर्मा वीरेंद्र राम के ही मकान में जमशेदपुर में रहता था। उसके घर पर 2.44 करोड़ कैश मिला था, जिसके बारे में सुरेश ने ही बताया था कि ये पैसे वीरेंद्र राम के हैं, जो उसके रिश्तेदार आलोक रंजन ने रखे थे। इसके बाद इस मामले की जाँच ईडी ने संभाल ली।
ईडी की जाँच में पता चला कि ग्रामीण विकास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग में तगड़ा खेल चल रहा है। हर ठेके पर 3.2 प्रतिशत का कमीशन सेट है। इसमें चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के पास 0.3 प्रतिशत पैसा ही आता था, बाकी पैसा नेताओं, अधिकारियों और इंजीनियरों के गैंग में बंट जाता था। यहीं से आमलगीर आलम, संजीव लाल समेत अन्य की भूमिका की जाँच शुरू हो गई। आलमगीर आलम के खिलाफ ईडी अप्रैल 2022 से एक अन्य मामले में जाँच कर रही है, वो अवैध खनन से जुड़ा मामला था। हालाँकि अब ईडी ने आलमगीर आलम को बुलाया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि उन्हें भी ईडी गिरफ्तार कर सकती है।