बेंगलुरु में लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। नहाने, पीने और बाकी के कामों के लिए पानी की भीषण समस्या है। पूरा शहर पानी की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में बेंगलुरु में रहने वालों ने पानी की कमी से बचने के लिए आईडिया देना चालू कर दिए हैं।
बेगलुरु में काम करने वाले पानी की कमी के कारण अब घर से काम करने (Work From Home) की इजाजत माँग रहे हैं। उनका कहना है कि यदि यहाँ स्थित कम्पनियों में काम करने वालों को घर से काम करने को कह दिया जाए तो यह समस्या जल्दी ही सुलझ जाएगी।
सोशल मीडिया पर अपील की जा रही है कि बेंगलुरु में बाहर के शहरों से काम करने आए लोगों को उनके घर जाकर काम करने की इजाजत दी जाए। इससे उन्हें पानी कमी नहीं होगी। उनके बाहर जाने से शहर में रहने वालों के लिए पानी की आपूर्ति भी बढ़ सकेगी और दोनों पक्ष आराम से रह सकेंगे।
Traffic is increasing and so are water shortages. Do you think companies should give WFH? Would that solve both issues?
— Tanmay Sharma (@gurujitechbits) March 7, 2024
I don't agree with that as a solution personally as I feel it's like a band-aid to a big wound.
But I would like to hear your opinion.#BengaluruWaterCrisis pic.twitter.com/zq6hA2CVwz
WFH की माँग करने वालों का तर्क है कि इससे पहले कोरोना के दौर में भी वह घर से काम कर चुके हैं और इससे उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ा था। ऐसे में अगर पानी की कमी को सुलझाने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है।
Someone please suggest to the Karnataka govt to make WFH compulsory for all tech companies.
— Omkar Paranjape (@paranjapeo) March 6, 2024
Bengaluru's water crisis will ease out as people like me will take the first flight home 😆#bengaluru #bangalore #bangalorewatercrisis
गौरतलब है कि बेंगलुरु वर्तमान में पानी की भीषण किल्लत से जूझ रहा है। शहर के बड़े हिस्से में पानी नहीं पहुँच रहा है। यहाँ लोग बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं। सोशल मीडिया पर लोग बता रहे हैं कि उन्हें नहाने और शौच के लिए तक पास के शॉपिंग मॉल्स में जाना पड़ रहा है।
एक यूजर ने रेडिट पर बताया की समस्या इतनी गंभीर है कि लोग बर्तन ना धोने के लिए बाहर से खाना ऑर्डर कर रहे हैं। नहाने के पानी की कमी से बचने को यहाँ काम करने वाले लोग नए इंतजाम बना रहे हैं। पानी की कमी ने बेंगलुरु के आम जीवन के हर आयाम को प्रभावित किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, टेक सिटी बेंगलुरु के पानी का मुख्य स्रोत कावेरी नदी है। बेंगलुरु में कावेरी से ही पीने और बाकी कामों के लिए पानी आता है। यह पानी शहर के पानी आपूर्ति सिस्टम से भेजा जाता है। हालाँकि, जिन इलाकों में यह पानी नहीं पहुँचता है, वहाँ जमीन में की गई बोरिंग के जरिए पानी पहुँचता है।
यहाँ जमीन में किए गए बोरवेल से पानी की आपूर्ति होती है और टैंक में पानी का भंडारण किया जाता है। इसके अलावा पानी के टैंकरों के द्वारा भी पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन इस समय समस्या यह है कि जमीन के बोरवेल सूख गए हैं और उनमें पानी नहीं आ रहा है। पानी का स्तर नीचे गिरने से ही यह समस्या आई है।
गौरतलब है कि बेंगलुरु में बाहर के शहरों से आकर काम के लिए रहने वालों की बड़ी संख्या है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बेंगलुरु की जनसंख्या का 50% से अधिक है। ऐसे में इस जनसंख्या का दबाव कम होने से आपूर्ति में आ रही समस्या को कुछ समय के लिए हल किया जा सकता है।
बेंगलुरु टेक कम्पनियों का देश में सबसे बड़ा हब है। इन कम्पनियों में काम करने के लिए देश भर से लोग आते हैं। बेंगलुरु में बाहर से आने वाले पहले ही ऊँचे किराए और रहने की जगह ना मिलने सम्बन्धी समस्याएँ बताते रहे हैं। अब पानी की समस्या ने उन्हें फिर से WFH की माँग करने पर मजबूर कर दिया है।
Karnataka Govt should make WFH mandatory till June when summer ends.
— Pratham (@prathampadav93) March 7, 2024
This will reduce traffic, water consumptiom & people will return to their hometowns.
This is a practical solution to #BengaluruWaterCrisis
The government should not bow down to the real estate mafia.
टेक कम्पनियों में काम करने वालों के WFH की माँग करने के पीछे तर्क है कि उनका काम कहीं भी बैठ कर हो सकता है, ऐसे में इस संकट के बीच यह कदम उठाया जाना चाहिए। हालाँकि, अभी कर्नाटक सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। माना जा रहा है कि अगर समस्या बनी रहती है तो कुछ टेक कम्पनियाँ यह निर्णय ले सकती हैं।