नेशनल हेराल्ड मामले में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कॉन्ग्रेस प्रमोटेड एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। ED की ओर से शनिवार (मई 9, 2020) को जारी प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में यह ऐक्शन लिया गया है। ये इमारत मुंबई के बांद्रा में स्थित है।
ED attaches under PMLA, assets to the extent of Rs. 16.38 Crore in Bandra (East), Mumbai of Associated Journals Limited in illegal land allotement case.
— ED (@dir_ed) May 9, 2020
बांद्रा स्थित यह प्लॉट उस समय सुर्खियों में आया था, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी पर नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों में हेरफेर करने का आरोप लगाया था। इसके बाद कॉन्ग्रेस नेताओं को अदालत में जाना पड़ा था। बता दें कि 1983 में यह संपत्ति बांद्रा में नेशनल हेराल्ड को रियायती दरों पर अखबार प्रकाशित करने के लिए प्रदान की गई थी।
Very interesting – ED says National Herald’s Panchkula property was valued at Rs.120 crore to take loan from Delhi’s Syndicate Bank Branch in ITO to build 11 floors in Bandra East-Mumbai property…Wow…great money swindling in the name of media business by Congress https://t.co/jBQjDEBiLP
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) May 9, 2020
पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने आरोप लगाया कि हरियाणा में पंचकुला में नेशनल हेराल्ड की इसी प्लॉट पर AJL ने सिंडिकेट बैंक की दिल्ली ब्रांच से मुंबई के बांद्रा में इस 11 मंजिला बिल्डिंग को बनाने के लिए लोन ले रखा है, जिसकी कीमत करीब 120 करोड़ रुपए है।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने 2019 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत 64.93 करोड़ रुपए की गुरुग्राम की संपत्ति कुर्क की थी।
ईडी की जाँच के अनुसार, साल 1982 में कंपनी के अनुरोध पर नवजीवन अखबार शुरू करने के लिए पंचकुला के सेक्टर 6 में प्लॉट नंबर C-17, सेक्टर 6 को AJL को आवंटित किया गया था। जिसमें ये शर्त भी थी कि दस साल के अंदर इस जमीन पर बिल्डिंग बनकर अखबार निकालने का काम भी शुरू हो जाएगा, लेकिन तय समय में ना तो बिल्डिंग बनी और ना ही अखबार शुरू हुआ।
शर्तों के उल्लंघन के बाद ये जमीन 30.10.1992 को वापस HUDA यानी Housing Urban Development Authority जिसे अब HSVP Haryana Sehri Vikas Pradhikaran बना दिया गया है, के पास आ गई। AJL ने वापस इस जमीन को लेने की कोशिश की, लेकिन साल 1995 और 1996 में माँग को खारिज कर दिया गया।
इसी तरह, प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले दिसंबर 2018 में एसोसिएटेड जर्नल्स एंड नेशनल हेराल्ड केस के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा आवंटित मोहाली में 30 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी।
मोतीलाल वोरा एजेएल के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इस कंपनी पर गांधी परिवार का दखल है। एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अखबार को चलाता है। इस अखबार को साल 1939 में जवाहरलाल नेहरू ने शुरू किया था। 1956 में AJL एक कंपनी बनी। साल 2008 में इसके सारे पब्लिकेशंस बंद कर दिए गए। तब कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया।
इसके बाद कॉन्ग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई। इसमें सोनिया और राहुल गाँधी सहित मोती लाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया। नई कंपनी में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे।