पूर्व IAS अधिकारी और विवादित मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के दिल्ली स्थित घर औऱ दफ्तरों पर गुरुवार (16 सितंबर 2021) को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की। मंदर दिल्ली में दो चिल्ड्रेन होम्स चलाते हैं, जिनमें जाँच एजेंसियों को पैसों के मामले में गड़बड़ी किए जाने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। हालाँकि, जाँच एजेंसी के छापे से करीब तीन घंटे पहले ही वह पत्नी के साथ जर्मनी के लिए रवाना हो गए।
मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर बर्लिन स्थित रॉबर्ट बोश्च एकेडमी में 6 महीने की फेलोशिप प्रोग्राम के लिए गए हैं। उन्होने अपनी पत्नी के साथ दिल्ली से सुबह करीब 3 बजे की फ्लाइट बर्लिन के लिए ली। वहीं उसके तीन घंटे के बाद वसंतकुंज स्थित उनके घर औऱ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के उनके ऑफिस पर रेड की गई। इसके अलावा जाँच एजेंसी ने उनके एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे दोनों चिल्ड्रेन होम्स में भी रेड की गई।
क्या है मामला
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने हर्ष मंदर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसमें कहा गया था कि दिल्ली के मेहरौली स्थित हर्ष मंदर के दो चिल्ड्रेन होम्स अमन घर (लड़कों के लिए) और खुशी रेनबो (लड़कियों के लिए) में पैसों के लेनदेन को लेकर अनियमितता पाई गई थी।
बाल गृह के लड़कों को सीएए के विरोध में भेजा था
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मंगलवार (27 जुलाई) को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि उन्होंने विभिन्न विसंगतियों और उल्लंघनों को पाए जाने के बाद ही हर्ष मंदर से जुड़े दो बाल गृहों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। एनसीपीसीआर के मुताबिक, बच्चों ने बताया था कि बड़े लड़कों को सीएए (CAA) के विरोध में प्रदर्शन स्थल पर भेजा गया था। वहीं, एक बच्चे ने तो यहाँ तक कह दिया कि पीएम मोदी सिर्फ हिंदुओं की सुनते हैं और पाकिस्तान से लड़ते हैं।
आयोग ने कहा कि लड़कियों में से एक ने आयोग को बताया कि वह 4-5 लड़कियों के साथ सीएए के विरोध में जंतर-मंतर गई थी। उन्होंने यह भी पाया कि बड़े लड़कों को भी विरोध स्थलों पर भेजा गया था। बच्चों को विरोध के लिए भेजना किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 83(2) का उल्लंघन है। बता दें कि हर्ष मंदर सोनिया गाँधी के करीबी रहे हैं। वह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी हैं।