Sunday, November 17, 2024
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असम में हिमंता सरकार की अवैध कब्जाधारियों पर बड़ी कार्रवाई: 330 एकड़ जमीन खाली कराने के लिए 1200 जवान और 50 से अधिक बुलडोजर तैनात

सरकारी आँकड़ों में बताया गया है कि इस इलाके में 299 परिवार अवैध रूप से रह रहे थे। सरकार ने इन परिवारों को जमीन खाली करने के लिए लगभग 8 महीने पहले नोटिस दिया था। नोटिस मिलने के बाद इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक परिवार यहाँ से जा चुके हैं।

असम की हिमंता बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Vishwa Sarma) सरकार आतंकी गतिविधियों वाले मदरसों और सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों को लेकर सख्त रूख अपनाए हुए है। शनिवार (3 सितंबर 2022) को बेदखली का काम शुरू किया है।

पुलिस का कहना है कि सोनितपुर जिले में 330 एकड़ जमीन को खाली कराने की कार्रवाई जारी है। इसके लिए भारी सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित बरचल्ला में नंबर 3 चीतलमारी इलाकों के अवैध घरों को ध्वस्त करने के अभियान में 50 से अधिक बुलडोजर एवं अन्य भारी मशीनों को लगाया गया है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में मजदूरों को तैनात किया गया है।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि बेदखली की कार्रवाई अभी तक शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो रही है। अधिकारी का कहना है कि इलाके के अवैध निवासियों को बेदखली का नोटिस भेजा गया था। नोटिस मिलने के बाद अधिकांश निवासी अपना सामान लेकर वहाँ से जा चुके हैं।

बेदखली और अवैध इमारतों को ध्वस्त करने का काम शनिवार को सुबह 5 बजे से शुरू किया गया। अवैध इलाके के एक तिहाई हिस्से में ध्वस्तीकरण का काम पूरा भी हो चुका है। वहीं, कानून-व्यवस्था में किसी भी तरह की रूकावट को देखते हुए 1200 अर्द्धसैनिकों को तैनात किया गया है।

इसके पहले विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने गुरुवार (1 सितंबर 2022) को इलाके का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। उन्होंने कहा था कि बेदखली के दौरान एक IG रैंक का अधिकारी और तीन SP रैंक के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

सरकारी आँकड़ों में बताया गया है कि इस इलाके में 299 परिवार अवैध रूप से रह रहे थे। सरकार ने इन परिवारों को जमीन खाली करने के लिए लगभग 8 महीने पहले नोटिस दिया था। नोटिस मिलने के बाद इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक परिवार यहाँ से जा चुके हैं।

इस इलाके में सबसे ज्यादा बांग्लाभाषी मुस्लिम थे। उसके बाद बंगाली हिंदू और गोरखा थे। इस क्षेत्र के दो बार से भाजपा विधायक गणेश कुमार लिम्बु का कहना है कि यहाँ रहने वाले अधिकांश लोगों के दूसरी जगहों पर भी घर है। इसलिए वे बिना किसी विरोध के चले गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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