महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को ₹100 करोड़ के वसूली (मनी लॉन्ड्रिंग) केस में गिरफ्तार कर लिया गया है। 12 घंटे की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की। अब आज (नवंबर 2, 2021) उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा जहाँ ईडी देशमुख की कस्टडी माँगेगी।
मिड डे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कल (1 नवंबर) अनिल देशमुख अपने वकील और कुछ साथियों के साथ साउथ मुंबई के बॅलार्ड इस्टेट में ईडी ऑफिस गए थे। वहाँ अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। लेकिन देशमुख की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इस कार्रवाई से पहले जाँच एजेंसी ने बहुत बार देशमुख को समन भेजा था, लेकिन उन्होंने 5 बार ईडी के नोटिस को नजरअंदाज किया। उनके सामने तमाम आरोपितों के बयान भी रखे गए थे जिनका इस अपराध में सक्रिय योगदान था, लेकिन देशमुख ने किसी सवाल का उचित जवाब नहीं दिया और हर आरोपों का खंडन करते रहे। ईडी ने अपनी जाँच के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि देशमुख ने ईडी दफ्तर जाने से पहले एक वीडियो रिलीज की थी। इसमें उन्होंने कहा है, “जब ईडी ने समन किया तो मैंने उन्हें सहयोग किया है। मैंने उन्हें कहा था कि जब हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस का फैसला हो जाएगा, तब मैं आऊँगा। दो बार सीबीआई ने रेड की, उसमें भी मैंने सहयोग किया। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मेरा फैसला नहीं आया है लेकिन मैं खुद ईडी दफ्तर आया हूँ।”
मा. उच्च न्यायालय ने मेरे संवैधानिक अधिकार के अनुसार मुझे विशेष न्यायालय में जाने की स्वतंत्रता दी है लेकिन मैं फिर भी आज ईडी के कार्यालय जाऊंगा और जांच में पूरा सहयोग करूंगा. pic.twitter.com/fGYJ622T6s
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) November 1, 2021
उन्होंने कहा, “परमबीर सिंह ने मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए थे। आज वही परमबीर सिंह विदेश भाग गए हैं। ऐसी खबरें न्यूज़ चैनलों और अखबारों के जरिए सामने आ रही है। उन्हीं परमबीर सिंह के खिलाफ पुलिस विभाग में कई शिकायतें आज भी दर्ज हैं।”
बता दें कि अनिल देशमुख के ऊपर मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया था कि कैसे देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली का टारगेट दिया हुआ था इस पूरे केस में में अनिल देशमुख ने खुद को निर्दोष कहा था। देशमुख से जुड़े केस की जाँच पहले सीबीआई कर रही थी। इसके बाद इसमें मनी लॉन्ड्रिंग एंगल सामने आया और ईडी की एंट्री हुई। ईडी ने जाँच में पाया कि सचिन वाजे ने कई आर्केस्ट्रा बार से 4.70 करोड़ रुपए वसूले थे। बाद में यही पैसे देशमुख को सौंपे गए और उनके परिवार ने इस पैसे की हेर-फेर की। एक संस्था जिसका नाम श्री साई शिक्षण संस्था है उस ट्रस्ट में भी दिल्ली की फर्जी कंपनियों के जिए 4.18 करोड़ रुपए डाले गए थे।