फेसबुक ने ‘लव जिहाद’ का विरोध करने वाले तीन ग्रुप्स को हटा दिया है। दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कहना है कि ये ग्रुप्स उसके नियमों का उल्लंघन कर रहे थे, इसीलिए उन्हें हटाया गया है। ‘TOI’ का कहना है कि इन ग्रुप्स द्वारा आपत्तिजनक सामग्रियाँ फैलाई जा रही थीं। साथ ही मीडिया संस्थान ने ये भी दावा किया कि इन सोशल ग्रुप्स द्वारा कई सालों से ‘एडल्ट न्यूडिटी’ और ‘हेट स्पीच’ फैलाए जा रहे थे।
‘TOI’ ने अपने तथाकथित अध्ययन के हवाले से दावा किया था कि इन पेजों पर इंटरफेथ कपल्स (जिसमें पति-पत्नी अलग-अलग मजहब से होते हैं) की पहचान सार्वजनिक कर के उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा किया जा रहा था और उनकी प्रिवेसी को नुकसान पहुँचाया जा रहा था। इसने इन पेजों को ‘मोरल पुलिसिंग’ और ‘जबरन दबाव बनाने’ का दोषी करार दिया था। फेसबुक ने कम्युनिटी स्टैण्डर्ड के उल्लंघन के आरोप में ऐसे 3 ग्रुप्स को बंद कर दिया।
ये सभी ऐसे ग्रुप्स थे, जिनमें ‘लव जिहाद’ की आलोचना की जा रही थी। TOI का दावा है कि इनमें लोग इन ग्रुप्स में अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक बहिष्कार की अपील कर रहे थे और उनके खिलाफ भड़काया जा रहा था। इनमें से एक ग्रुप को अगस्त 27, 2014 को बनाया गया था और उसमें ‘दिशानिर्देश’ जारी किए जा रहे थे कि अभिभावक अपनी बेटियों के कॉलेज आने-जाने के समय को नोट करें। ऐसे 4 ओपन ग्रुप्स के अध्ययन के हवाले से ‘TOI’ ने दावा किया है,
“इन ग्रुप्स में लव जिहाद को अल्पसंख्यक पुरुषों और उनके मौलवियों की साजिश बताया जा रहा था और कहा जा रहा था कि ये लोग हिन्दू महिलाओं की आँखों में धूल झोंक कर धर्मान्तरण कराते हैं। जब हमने ऐसे 4 ग्रुप्स के अध्ययन के बाद सोशल मीडिया जायंट फेसबुक को इसके विवरण भेजे तो उसने इन ग्रुप्स के कंटेंट्स को हटा दिया। हालाँकि, ऐसे कई सारे प्राइवेट ग्रुप्स फेसबुक पर मौजूद हैं। हमने अपने एक सप्ताह के रिसर्च में पाया कि इन ग्रुप्स में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा था।”
TOI ने दावा किया है कि इन ग्रुप्स के ‘दिशानिर्देशों’ में लड़कियों के अभिभावकों से कहा जा रहा था कि वो अपनी बेटियों पर खासकर तब ज्यादा नजर रखें, जब आसपास के इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हों। साथ ही इन अभिभावकों को अपने घर की लड़कियों के मोबाइल फोन्स पर भी नज़र रखने को कहा गया था, ताकि पता चले कि वो किन लोगों से बातचीत करती हैं। अब फेसबुक ने ऐसे 3 ग्रुप्स पर कार्रवाई की है।
बता दें कि हाल ही में कई ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं, जिन्हें ‘लव जिहाद’ का नाम दिया गया है। फरीदाबाद में निकिता तोमर की हत्या की वारदात से अभी देश उबरा नहीं है। निकिता तोमर के पिता का दावा है कि आरोपित तौसीफ ही नहीं बल्कि उसकी माँ भी उनकी बेटी निकिता पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाती रहती थी। छात्रा के पिता ने आरोपित तौसीफ की माँ पर आरोप लगाया है कि वह बार-बार फोन कर के उनकी बेटी पर दबाव डालती थी कि उनका मजहब कबूल कर लो।