हरियाणा के नूहं में 31 जुलाई को जलाभिषेक यात्रा के दौरान मुस्लिमों की भीड़ द्वारा किए गए हमले को लेकर ट्रिब्यून इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में नया खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि नल्हड़ की मस्जिद के एक इमाम द्वारा दिए गए फर्जी बयान ने नूहं के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में हुई सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने का काम किया। बता दें कि इस हिंसा की जाँच विशेष जाँच दल (एसआईटी) कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इमाम फजरू मियाँ ने कथित तौर पर 31 जुलाई को मुस्लिमों को झूठ बोलकर उकसाया था। उसने मस्जिद के लाउडस्पीकर पर फर्जी घोषणा की थी कि जलाभिषेक शोभायात्रा में भाग लेने वालों ने कुछ मुस्लिमों की दुकानों को लूट लिया है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने इमाम को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्जिद के लाउडस्पीकरों पर किए गए फर्जी दावों के बाद इकट्ठा हुए मुस्लिमों की भीड़ ने लूटपाट, आगजनी और हिंसा शुरू कर दिया। विशेष जाँच दल (एसआईटी) के एक सदस्य ने बताया, “इस घोषणा ने ग्रामीणों के बीच गुस्से को भड़काने का काम किया, जिससे वे लोग भड़क गए। वे लोग पहले से ही सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो के कारण उत्तेजित थे।” बाद में इन लोगों ने संगठित होकर पत्थर, हथियार इकट्ठे कर शोभायात्रा पर हमला बोल दिया।
इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि मस्जिद के इमाम द्वारा अफवाह फैलाने के बाद कई दूसरे इमामों ने व्हाट्सएप ग्रुपों के साथ-साथ दूसरे मस्जिदों के माध्यम से भी इस अफवाह को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। वहीं, अब इस खुलासे के बाद जाँच एजेंसियाँ भी उन आरोपितों को तलाश रही है, जो नूहं में शोभायात्रा के दौरान अफवाह फ़ैलाने में शामिल रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मस्जिदों से ऐलान कर हर बच्चे, महिला और पुरुष को हथियार लेकर बाहर आने को कहा गया। हिंदुस्तान-9 ने हाल ही में एक बच्चे का वीडियो भी साझा किया था, जिसने कहा था कि मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। एक अन्य महिला गवाह से, जिनसे उन्होंने बात की, थी कथित तौर पर कहा था कि भीड़ हथियार लहरा रही थी, गालियाँ दे रही थी और चिल्ला रही थी कि उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
📍Jihad-occupied Nuh (Mewat)
— Treeni (@_treeni) August 5, 2023
"Calls were made from Masjids that every child, woman, and man should come out with weapons." – Eyewitness
"Beh#enc#od tum nahi bachoge while shouting Allah-U-Akbar and Pakistan Jindabad" – Child eyewitness
"They were swinging weapons, abusing,… pic.twitter.com/hfr4JQmY5j
हालाँकि, ऑपइंडिया एक ट्विटर यूजर द्वारा साझा की गई हिंदुस्तान-9 की रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा किए गए दावों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करती है।
हालाँकि, एक इमाम द्वारा मुस्लिमों को भड़काने के लिए मस्जिद के लाउडस्पीकरों का उपयोग करने की रिपोर्ट पहले की रिपोर्टों से बिल्कुल मेल खाती है, जिसमें कहा गया था कि मुस्लिमों ने जलाभिषेक यात्रा के दौरान हिन्दुओं पर हमले की योजना पहले ही बनाई थी और हमले के लिए पत्थरों और काँच की बोतलों को इकट्ठा करने के लिए कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे।
फिर भी, यह नया खुलासा लेफ्ट-लिबरल गैंग द्वारा नूहं हिंसा का दोष बिट्टू बजरंगी और मोनू मानेसर जैसे लोगों पर मढ़ने और उन्हें सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए दोषी ठहराने के प्रयासों के बिल्कुल विपरीत है। हाल के रहस्योद्घाटन में इमाम को कथित तौर पर गलत बयान देकर तनाव बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अब यह गिरोह इस नए खुलासे पर कैसे लीपापोती करते हैं।
बृजमण्डल शोभा यात्रा पर हमला
गौरतलब है कि 31 जुलाई को द्वारा आयोजित ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ के दौरान हरियाणा के नूहं जिले में हिंसा भड़क उठी। हरियाणा के मुस्लिम बहुल क्षेत्र नूहं में शोभायात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी।