दिल्ली पुलिस के सभी वर्तमान और रिटायर्ड जवानों के परिजनों ने गणतंत्र दिवस के दिन मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को हुई हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें 400 के करीब पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इस विरोध प्रदर्शन में इन सभी घायल जवानों के परिजन शामिल थे। दिल्ली के शहीदी पार्क में दिल्ली पुलिस महासंघ ने ये प्रदर्शन किया। उन सभी ने हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों की निंदा की।
इस दौरान दिल्ली के लाल किले पर उस दिन तैनात एक जवान ने बताया कि अंदर घुस कर अपना झंडा फहराने वाले प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर अचानक से हमला कर दिया था। हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के हाथ में तलवारें और डंडे थे। उन्होंने बताया कि उनके पाँवों और सिर में चोटें आई हैं। मॉडल टाउन में तैनात हेड कॉन्स्टेबल सुनीता ने भी अपना अनुभव साझा किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें मुबारका चौक पर तैनात किया गया था, जहाँ डीसीपी और एसीपी भी तैनात थे। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी लगातार उनसे निवेदन कर रहे थे कि वो बताए गए रूट पर ही रैली करें, लेकिन वो अचानक से आक्रामक हो गए और उन्होंने पुलिस बैरिकेडिंग के साथ-साथ कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को इसका अंदाज़ा भी नहीं था कि उन पर भी हमला होगा।
I was on duty at Red Fort. I was deployed at the gate of the Fort. We were bringing out the crowd that had entered and hoisted the flag when suddenly we were attacked. They had sticks and swords with them. I received injuries on my head and legs: Head Constable Ashok Kumar pic.twitter.com/j20VRUvtbL
— ANI (@ANI) January 30, 2021
वहीं लाल किले पर ड्यूटी में तैनात सब-इंस्पेक्टर सतीश वर्मा के बेटे अभिषेक वर्मा ने कहा कि उनके पिता तो किसी तरह बच गए, लेकिन उनके लगभग सारे साथी चोटिल हो गए। एक अन्य परिजन ने कहा कि प्रदर्शनकारी इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों को भी नहीं छोड़ रहे थे। एक अन्य परिजन ने कहा कि तिरंगे का अपमान पूरे देश का अपमान है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के पीछे ट्रैक्टर भगा कर किसान क्या साबित करना चाहते थे, वो चाहती तो हथियार प्रयोग कर सकती थी।
एक परिजन ने अफ़सोस जताया कि पुलिस में आने के बाद आपका आत्मरक्षा का अधिकार भी ख़त्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि इसे सहिष्णुता का स्तर कहते हैं, जिसके तहत पुलिस के जवानों को ट्रेनिंग देकर सहिष्णु बनाया जाता है। उनका कहना था कि इसी सहिष्णुता का ‘किसानों’ ने फायदा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर हथियार प्रयोग करने के आदेश दिए जाते तो कुछ और ही परिणाम होता। इनमें कई ऐसे भी थे, जिनकी तीन पीढ़ियाँ पुलिस में थीं।
‘उपद्रवियों ने पुलिस की सहिष्णुता फायदा उठाया’… देखिए दिल्ली के शहीदी पार्क में धरने पर बैठे पुलिस के परिवारवाले क्या-क्या कह रहे हैं। (विडियोः प्रशांत सोनी)https://t.co/Zn4lWf5MEY@DelhiPolice #TractorMarchDelhi pic.twitter.com/Cza86T1a4s
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) January 30, 2021
युवाओं ने कहा कि उनके इरादे इस घटना से ध्वस्त नहीं हुए हैं, वो भी आगे दिल्ली पुलिस में भर्ती होने का प्रयास करेंगे। लेकिन, उन्होंने सिस्टम बदलने की बात करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के रुख को लेकर भी नाराजगी जताई। दिल्ली पुलिस अब तक इस मामले में 25 FIR दर्ज कर ली है। इसमें UAPA के साथ-साथ IPC की धारा-12A (राजद्रोह) भी लगाई गई है। कई गिरफ्तार भी हुए हैं।
अधिकतर पुलिसकर्मियों के हाथ-पाँव और सिर पर चोटें आई हैं। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे लाल किले में घुसे लाठी-डंडों और तलवारों से लैस प्रदर्शनकारियों के खदेड़ने के कारण पुलिस के जवानों को दीवार कूद-कूद कर जान बचानी पड़ रही है। वहाँ पुलिस के जवानों की लाठी से पिटाई की गई है। इसके बाद ITO और नांगलोई में हिंसा देखने को मिली। दोपहर के कुछ बाद तक घायल पुलिसकर्मियों का आँकड़ा 86 था, जो शाम तक 153 हो गया। अगले दिन पता चला इससे दोगुने पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं।