महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से लगभग 900 किलोमीटर दूर गढ़चिरौली जिले के घने जंगलों में शनिवार (13 नवम्बर 2021) को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 26 नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए नक्सलियों में 50 लाख का इनामी और मोस्ट वांटेड नक्सली मिलिंद तेलतुम्बड़े भी शामिल है। यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों की एंटी नक्सल यूनिट C-60 कमांडों द्वारा किया गया था। ऑपइंडिया से बातचीत में गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने इस ऑपरेशन की पुष्टि की है।
रिपोर्ट के अनुसार, मिलिंद प्रतिबंधित संगठन सीपीआई-माओवादी का सदस्य था। उस पर 50 लाख रुपये का इनाम था। वह कई अन्य मामलों के साथ भीमा कोरेगांव एल्गार परिषद केस में भी शामिल था। NIA की चार्जशीट के अनुसार, वह कई अन्य आरोपितों के साथ दो दर्जनों मामलों में वांछित था। उस पर UAPA का भी चार्ज लगाया गया था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने उसके शव की शिनाख्त की है।
मिलिंद तेलतुम्बड़े दीपक प्रवीण, अरुण और सुधीर के छद्म नामों से भी जाना जाता था। वह नए नक्सलियों की भर्ती करवाता था और उन्हें सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग देता था। शनिवार को हुए ऑपरेशन में मिलिंद के साथ 4 शीर्ष नक्सली भी मारे गए हैं। इन सभी पर सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था। मारे गए कुल 26 नक्सलियों में 6 महिला नक्सली भी शामिल हैं।
At least 26 naxals were killed in the encounter in Gadchiroli yesterday – 20 men & 6 women. Gadchiroli Police has confirmed that it also included Milind Teltumbde (top naxal Commander & an accused in Bhima Koregaon case): Maharashtra Home Minister Dilip Walse Patil pic.twitter.com/QVcaMnu4jO
— ANI (@ANI) November 14, 2021
मुठभेड़ में मारे गए अन्य इनामी नक्सलियों में 20 लाख रुपये का इनामी नक्सली लोकेश मांगू, 16 लाख रुपये का इनामी महेश शिवाजी रावजी गोटा, 8 लाख रुपये का इनामी कोरची दलम, 8 लाख का इनामी सन्नू कोवाची और 6 लाख रुपये का इनामी प्रदीप उर्फ़ तिलक मांकुर शामिल हैं। इस मुठभेड़ में पुलिस के 4 जवानों के भी घायल होने की खबर है। घायल जवानों का इलाज नागपुर के अस्पताल में चल रहा है। घायल जवानों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
NIA द्वारा वर्ष 2020 में दाखिल चार्जशीट में आनंद तेलतुम्बड़े, गौतम नवलखा, हनी बाबू, सागर गोरखे, रमेश गैचोर, ज्योति जगताप और स्टेन स्वामी को वामपंथी आतंकवादी संगठन सीपीआई माओवादी विचारधारा से प्रेरित बताया गया था। इन सभी पर सरकार के विरुद्ध असंतोष फैलाने और उसे अस्थिर करने तथा हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है। इसी के साथ इन सभी पर जाति, धर्म और समुदाय के आधार पर समाज को विभाजित करने की साजिश रचने का भी आरोप है।
मिलिंद तेलतुम्बड़े लम्बे समय से फरार चल रहा था। वह आनंद तेलतुम्बड़े का छोटा भाई था। मिलिंद तेलतुम्बड़े ने कभी बताया था कि इस रास्ते पर चलने की प्रेरणा उसे अपने भाई आनंद तेलतुम्बड़े से ही मिली थी। NIA की चार्जशीट में मिलिंद तेलतुम्बड़े पर अपने भाई के साथ मिलकर शहरी क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है।