दिल्ली को घेरने के लिए पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे किसान आंदोलन कारियों को केंद्र सरकार ने पाँचवें दौर की वार्ता के लिए बुलाया है। केंद्र सरकार की तरफ से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार इस समस्या का हल चाहती है, इसके लिए वो बातचीत कर रास्ता निकाल रही है। सरकार ने किसानों की सभी बातों को सुना है और चौथे दौर की बातचीत के बाद किसानों की तरफ से जो प्रतिक्रिया आई, सरकार ने उसका भी संज्ञान लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसानों ने सरकार के सामने 13 सूत्रीय मांगें रखी थीं, इनमें 10 पर सहमति बन गई है। तीन माँगें पूरी किए जाने पर को लेकर पेच फंसा है। सरकार का कहना है कि इन मांगों को पूरा करने के लिए वक्त की जरूरत है। हालाँकि, सरकार ने एमएसपी गारंटी को लेकर किसानों के सामने चौथे दौर की वार्ता के दौरान एक फॉर्मूला भी सामने रखा था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया है। इसके बाद सरकार ने अब पाँचवें दौर की वार्ता की पेशकश की है। वहीं, सरकार से बातचीत को लेकर किसान आपस में चर्चा कर रहे हैं और एक बैठक कर रहे हैं, जिसके बाद पाँचवें दौर की बातचीत के लिए मुद्दे तय किए जाएँगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कही ये बात
किसानों से पाँचवें दौर की वार्ता को लेकर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है। सरकार सभी समस्याओं का समाधान ढूँढ रही है। उन्होंने कहा, “चौथे दौर तक की बातचीत होने के बाद किसान संगठनों के माध्यम से जो प्रतिक्रिया आई, हम उसे संज्ञान में लेते हुए पुन: पाँचवें दौर की बैठक और उस बैठक में ऐसे सभी मुद्दे, जिन मुद्दों पर हम सभी मिलकर समाधान निकाल सकते हैं, हम वार्ता के लिए तैयार हैं। चाहे वो एमएसपी का मुद्दा हो, चाहे पराली का मुद्दा हो, चाहे एफआईआर का हो या क्रॉप डायवर्सिफिकेशन का हो। ऐसे सभी मुद्दे पर बातचीत के लिए हम तैयार हैं। मैं यही निवेदन करूँगा कि सबको शांति के साथ ऐसे विषयों पर बातचीत करते हुए समाधान ढूँढने की जरूरत है। ये अपील है कि वो शांति बनाए रखें। और बातचीत के लिए मैं हमेशा से कोशिश यही करता हूँ कि हम सब मिलकर समाधान ढूँढे। बातचीत करें, वार्ता जारी रहनी चाहिए। कई चीजें सहमति बनती हैं, कई नहीं बनती हैं। कई विषय आते हैं। हम जब बातचीत करेंगे तो आपसी सौहार्दपूर्ण वातावरण में समाधान के रास्ते निकलते हैं।”
#WATCH | Union Agriculture Minister Arjun Munda says, "…In the 5th round of meeting, we are ready to talk with farmers and discuss issues like MSP, stubble, FIR, and crop diversification. I appeal to them to maintain peace and we should find a solution through dialogue." pic.twitter.com/F17XwZs3Ur
— ANI (@ANI) February 21, 2024
केंद्रीय कृषि मंत्रि अर्जुन मुंडा ने पाँचवें दौर की वार्ता के लिए किसान संगठनों की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि अभी तक किसानों की तरफ से कोई जानकारी नहीं आई है। सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया है। उन्होंने कहा, “अभी तक किसानों की तरफ से पाँचवें दौर की वार्ता की कोई सूचना आई नहीं है। हम यही अपील करेंगे कि पाँचवें दौर की वार्ता के लिए हम सबको बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। ऐसे मुद्दे पर संवेदनशील होकर हम अपना पक्ष रखें, क्योंकि सरकार भी यही चाहती है कि इसका समाधान हो। तत्कालीन दृष्टि से भी, दीर्घकालीन दृष्टि से भी। हमें समस्या के समाधान की दिशा में वार्ता के माध्यम से आगे बढ़ना चाहिए।”
#WATCH | On 5th round of talks with farmers, Union Agriculture Minister Arjun Munda says, "…..No information has come yet (from farmers' side). We appeal that we should move forward for talks and present our stand. The government also wants to move forward and find a solution." pic.twitter.com/zXMzOgDygX
— ANI (@ANI) February 21, 2024
बता दें कि किसानों के साथ चौथे दौर की वार्ता में केंद्र सरकार ने रविवार (18 फरवरी 2024) को नए प्रस्ताव दिए थे, जिसके बाद किसानों ने कहा था कि वो बातचीत करके सरकार को सूचित कर देंगे। सरकार ने अपनी तरफ से चौथे दौर की वार्ता के दौरान जो प्रस्ताव दिया था, उसमें एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट की बात कही थी। जिसमें ये कॉन्ट्रैक्ट एनसीसीएफ, NAFED और CCI जैसी सहकारी समितियों के साथ होनी थी। इसमें खरीद की लिमिट भी नहीं रहेगी। सरकार ने इसमें उड़द दाल, मसूर दाल और मक्का-कपास को जोड़ने और खरीद के लिए पाँच साल की गारंटी की बात कही थी।
इस बैठक में किसानों के 14 प्रतिनिधि और केंद्र सरकार के किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल हुए थे। इनके अलावा बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे। हालाँकि बाद में किसानों ने कहा था कि उन्हें एमएसपी से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है।