मुंगेर में पुलिस की बर्बरता के दौरान मारे गए अनुराग पोद्दार के पीड़ित पिता के बयान को आधार बनाते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोतवाली थाने में FIR दर्ज की गई। अनुराग पोद्दार के पिता ने कहा है कि पुलिस की चलाई गोली से उनके बेटे की हत्या हुई। साथ ही SHO के बयान के आधार पर उन 20-25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है, जिन्होंने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज किया था।
बता दें कि मुंगेर में पूरब सराय सहित 3 थानों में आक्रोशित लोगों द्वारा आगजनी के बाद चुनाव आयोग ने डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को हटा दिया था। डीआईजी मनु महाराज के अनुसार, गुरुवार (अक्टूबर 29, 2020) को हुई आगजनी के मामले में अब तक 6 FIR दर्ज की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की पहचान भी कर ली गई है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जाँच की जा रही है।
‘आज तक’ की खबर के अनुसार, पुलिस ने कुछ लोगों की पहचान भी कर ली है। साथ ही प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान न देकर शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। अब मानवजीत सिंह ढिल्लों को मुंगेर का नया एसपी बना कर भेजा गया है। 2009 कैडर के आईपीएस अधिकारी ढिल्लों इससे पहले पटना एसटीएफ में तैनात रहे हैं। वैशाली का एसपी रहते इन्होने 3 लापरवाह अधिकारियों समेत 66 पुलिसकर्मियों पर FIR करवाई थी।
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— Vishwajeet Singh (@VishwajeetSin21) October 28, 2020
बता दें कि मुंगेर मामले पर राजनीति भी हो रही है और तमाम विपक्षी दल नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने राज्य सरकार को महिषासुर बता दिया। कॉन्ग्रेस ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर नीतीश सरकार को बरख़ास्त करने की माँग की। वहीं राजद ने एसपी लिपि सिंह को ‘जनरल डायर’ बताया। आगजनी के मामले में 68 नामजद और 1000 अज्ञात को आरोपित बनाया गया है।
इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में पीआईएल भी दाखिल की जा चुकी है। इसके अलावा राज्य मानवाधिकार आयोग में भी आवेदन किया गया है। राजद नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी का कहना है कि इसका असर अगले दोनों चरणों के चुनावों पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों रविशंकर प्रसाद और गिरिराज सिंह ने भी इस घटना की निंदा की है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए मुंगेर की ‘बड़ी दुर्गा पूजा समिति’ के पदाधिकारियों ने बताया था कि उनके कम से कम 150 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था और उनके साथ क्रूरता की गई। उनका कहना था कि इनमें से कई अभी भी अलग-अलग थानों में पुलिस कस्टडी में हैं। एक और आरोप ये लगा था कि उनमें से जिन्हें छोड़ा भी गया है, उनके मोबाइल फोन्स पुलिस ने अपने पास रख लिए। आरोप है कि कई लड़कों को एसपी लिपि सिंह के सामने लाकर और उन्हें जम कर पीटा गया।