हरिद्वार की धर्मसंसद में आपत्तिजनक भाषण देने के आरोप में जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व वसीम रिज़वी) पर FIR दर्ज कर ली गई है। यह धर्मसंसद महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित की गई थी। इसी आयोजन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस FIR में शिकायतकर्ता का नाम हरिद्वार निवासी गुलबहार खान है।
शिकायत में मुताबिक, “वसीम रिज़वी जो अब जितेंद्र नारायण त्यागी के नाम से जाने जाते हैं, ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिल कर पैगम्बर मोहम्मद और उनके अनुयायियों के खिलाफ गलत बयानी की है। यह एक सोची-समझी साजिश है। आरोपितों ने इन बयानों को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है।”
यह धर्मसंसद उत्तरी हरिद्वार के भूपतवाला क्षेत्र में 17 से 19 दिसम्बर तक चली थी। इसमें देश भर के तमाम संतों और हिन्दू संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया था। पुलिस ने धारा 153 A के तहत केस दर्ज किया है।
इस पूरे घटनाक्रम पर जितेंद्र नारायण ने ऑपइंडिया को अपना वीडियो बयान भेज कर अपना पक्ष रखा है। इस बयान में उन्होंने कहा है, “मेरे विरुद्ध हरिद्वार में जो मुकदमा दर्ज करवाया गया है, इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में भी मुकदमा दर्ज करवाया था। भारत के विभिन्न थानों में हेट स्पीच बता कर मेरे विरुद्ध जो मुकदमे दर्ज करवाए जा रहे हैं ये कट्टरपंथी मुल्लाओं की, मुस्लिम समाज के आतंकी लोगों की बौखलाहट है। क्योंकि वो समझ रहे हैं कि उनकी पोल खुल चुकी है। सच्चाई कहना हेट स्पीच नहीं है।”
जितेंद्र नारायण त्यागी ने आगे कहा, “हिन्दू संगठित हो रहा है। इससे मुस्लिम वोटों की राजनीति करने वाली सियासी पार्टियाँ घबराई हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए जो हिन्दुओं में फूट डाली जाती है, उनको लग रहा है कि यह फूट अगर नहीं पड़ पाई तो उनका राजनीति से नामोनिशान मिट जाएगा। भारतीय जनता पार्टी को कमजोर करने के लिए हिदुत्व को कमजोर किया जा रहा है।”
सत्य बोलना नफरत फैलाना नहीं होता.
— महंत बजरंगमुनि उदासीन (@H8cHqHp9xHTwfNq) December 24, 2021
जितेंद्र नारायण व @Yatinarsingh121 जी के साथ संपूर्ण संत समाज चट्टान की तरह खड़ा है.@uttarakhandcops , किसी भगवाधारी को हाथ लगाने से पहले ओवैसी, बुखारी, तौकीर, बरकाती जैसे अनगिनत नफरत के पुतलों को जेल भेजना होग@pushkardhami @AshokKumar_IPS pic.twitter.com/5qCqmszh4q
उदासीन अखाड़े के महंत बजरंग मुनि उदासीन ने इस बयान को शेयर करते हुए लिखा है, “किसी भगवाधारी को हाथ लगाने से पहले उत्तराखंड पुलिस को ओवैसी, बुखारी, तौकीर और बरकाती जैसे तमाम नफरत के पुतलों को जेल भेजना होगा।”