Sunday, November 24, 2024
Homeदेश-समाजयोगेन्द्र यादव, राकेश टिकैत सहित 37 किसान नेताओं पर FIR: गिरफ्तारी पर कोई बात...

योगेन्द्र यादव, राकेश टिकैत सहित 37 किसान नेताओं पर FIR: गिरफ्तारी पर कोई बात नहीं

पुलिस का कहना है कि 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए। अधिकांश को आईटीओ और लाल किले पर दंगों में चोट आई। अब पुलिस इन किसान नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजेगी। सुप्रीम कोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दर्ज हुई है।

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर आयोजित ट्रैक्टर रैली के नाम पर हुए अराजकता के खेल के बाद किसान नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राजधानी में हुई हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई दिल्ली पुलिस ने 37 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डाॅ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा, बलवीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं। समयपुर बादली में दर्ज एफआईआर नंबर 39 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर और स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का नाम भी शामिल है।

दिल्ली पुलिस ने अपने एफआईआर में आपराधिक षड़यंत्र, डकैती और घातक हथियारों के प्रयोग और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएँ लगाई हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने टैक्टर रैली में हुई हिंसा मामले में 200 लोगों को हिरासत में लिया है। 

इन 37 किसान नेताओं पर एफआईआर

  • 1. डॉक्टर दर्शन पाल, बीकेयू क्रांतिकारी दर्शनपाल ग्रुप
  • 2. कुलवंत सिंह संधू, जम्हूरी किसान सभा पंजाब
  • 3. बूटा सिंह बुर्जगिल, भारतीय किसान सभा, धकोंडा
  • 4. निर्भय सिंह धुड़ीके, कीर्ति किसान यूनियन, धुड़ीके ग्रुप
  • 5. रुल्दू सिंह, पंजाब किसान यनियन, रुल्दू ग्रुप
  • 6. इंदरजीत सिंह, किसान संघर्ष कमेटी, कोट बुद्धा ग्रुप
  • 7. हरजिंदर सिंह टांडा, आजाद किसान संघर्ष कमेटी
  • 8. गुरबख्श सिंह, जय किसान आंदोलन
  • 9. सतनाम सिंह पन्नू, किसान मजदूर संघर्ष समिति, पिड्डी ग्रुप
  • 10. कंवलप्रीत सिंह पन्नू, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब
  • 11. जोगिंदर सिंह उग्राहा, भारतीय किसान यूनियन उग्राहां
  • 12. सुरजीत सिंह फूल, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी
  • 13. जगजीत सिंह डालेवाल, भारतीय किसान यूनियन, सिद्धूपुर
  • 14. हरमीत सिंह कड़ियां, बीकेयू, कड़ियां
  • 15. बलबीर सिंह राजेवाल, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल
  • 16. सतनाम सिंह साहनी, भारतीय किसान यूनियन, दोआबा
  • 17. बोघ सिंह मानसा, भारतीय किसान यूनियन मानसा
  • 18. बलविंदर सिंह औलख, माझा किसान कमेटी
  • 19. सतनाम सिंह बेहरू, इंडियन फार्मर एसोसिएशन
  • 20. बूटा सिंह शादीपुर, भारतीय किसान मंच
  • 21. बलदेव सिंह सिरसा, लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी
  • 22. जगबीर सिंह जाड़ा, दोआबा किसान समिति
  • 23. मुकेश चंद्रा, दोआबा किसान संघर्ष कमेटी
  • 24. सुखपाल सिंह डफ्फर, गन्ना संघर्ष कमेटी
  • 25. हरपाल सिंह सांघा, आजाद किसान कमेटी दोआब
  • 26. कृपाल सिंह नाथूवाला, किसान बचाओ मोर्चा
  • 27. हरिंदर सिंह लाखोवाल, भारतीय किसान यूनियन लाखोवाल
  • 28. प्रेम सिंह भंगू, कुलहिंद किसन फेडरेशन
  • 29. गुरनाम सिंह चडूनी, भारतीय किसान यूनियन चडूनी
  • 30. राकेश टिकैट, भारतीय किसान यूनियन
  • 31. कविता कुमगुटी, महिला किसान अधिकार मंच
  • 32. रिषिपाल अंबावाटा, भारतीय किसान यूनियन अंबावाटा
  • 33. वीएम सिंह, ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी
  • 34. मेधा पाटेकर, नर्मदा बचाओ
  • 35. योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया
  • 36. अवीक साहा, जन किसान आंदोलन, स्वराज इंडिया
  • 37. प्रेम सिंह गहलोत, ऑल इंडिया किसान सभा

पुलिस का कहना है कि 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए। अधिकांश को आईटीओ और लाल किले पर दंगों में चोट आई। अब पुलिस इन किसान नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजेगी। सुप्रीम कोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दर्ज हुई है। इसमें हिंसा की जाँच और घटना के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति व संगठन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग है।

बता दें कि हथियार लेकर नहीं चलना, निर्धारित मार्ग का पालन करना और ट्रॉलियों के बिना ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली में प्रवेश करना… ये कुछ शर्तें थीं जिस पर सहमति किसान नेताओं और पुलिस के बीच बनी थी लेकिन मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को ट्रैक्टर परेड में शामिल कई प्रदर्शनकारियों द्वारा इनका उल्लंघन किया गया। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के मार्च में इस शर्त का भी उल्लंघन किया गया कि एक ट्रैक्टर पर पाँच से अधिक व्यक्ति सवार नहीं होंगे। यह ट्रैक्टर मार्च हिंसक हो गया और इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़प हुई।

किसान गाजीपुर बार्डर से आईटीओ की ओर निकले और लाल किला पहुँच गए। इन किसानों को पुलिस के साथ भिड़ते और पुलिसकर्मियों को लाठियों से मारते देखा गया। जब पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागकर प्रदर्शनकारियों की भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव किया। बसों और पुलिस की गाड़ियों सहित कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्थरबाजी, आगजनी, फायरिंग… संभल में दंगाइयों ने सब कुछ किया, पर रोक नहीं पाए जामा मस्जिद का सर्वे: जानिए कौन हैं विष्णु शंकर जैन,...

करीब ढाई घंटे तक चले सर्वे के दौरान बाहर भारी पत्थरबाजी होती रही, जिसे काबू करने के लिए प्रशासन को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

भारत ने 1 दिन में गिने 64 करोड़ वोट, डोनाल्ड ट्रंप जीत गए पर 18 दिन में भी 1.5 करोड़ वोट गिन नहीं पाया...

मस्क ने हैरानी जताई और कहा कि भारत में 64 करोड़ मतों की गिनती एक दिन में, और यहाँ कैलिफोर्निया में 1.5 करोड़ वोटों की गिनती 18 दिन में भी पूरी नहीं हो पाई।
- विज्ञापन -