देश के पहले सीडीएस और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने आतंकवाद के खात्मे के लिए भारत को अमेरिकी मॉडल अपनाने की सलाह दी है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि जिस तरह से अमेरिका ने 9/11 के बाद आतंकवादियों के ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई की थी उसी तरह से भारत को भी वही तरीक़ा अपनाना होगा। हमें आतंक के खात्मे के लिए इनकी जड़ों तक जाना होगा।
दिल्ली में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अग़र आतंक का खात्मा करना है तो आतंकवादियों के ख़िलाफ अमेरिका की तरह से लड़ाई लड़नी होगी। जैसा कि उन्होंने 9/11 के बाद आतंकियों के ख़िलाफ कार्रवाई की थी। साथ ही हमें इनके ख़िलाफ एक लंबी लड़ाई लड़नी होगी, जिसके लिए वैश्विक जंग की आवश्यकता है, जिससे कि इनको विश्व में अलग-थलग किया जा सके।
Chief of Defence Staff (CDS) General Bipin Rawat: Any country which is sponsoring terrorism has to be taken to task. I feel one of the measures adopted is of blacklisting by Financial Action Task Force (FATF) is one good measure. Diplomatic isolation, you have to do this. pic.twitter.com/RIvXHEZTBv
— ANI (@ANI) January 16, 2020
रावत ने आगे कहा कि हमें आतंकियों के ख़िलाफ लड़ाई को ज़ारी रखना होगा और इसके लिए हमने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है, जिससे कि आतंक प्रायोजित और उनके लिए फंडिंग करने वाले देशों को कूटनीतिक तरीके से विश्व स्तर पर अलग-थलग किया जा सके। हम आतंक को खत्म करना चाहते हैं तो हमें अमेरिका द्वारा 9/11 के बाद आंतकियों के ख़िलाफ अपनाई गई नीति को अपनाना होगा और इसी तरीके़ से आतंक का खात्मा किया जा सकता है।
इतना ही नहीं जनरल रावत ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि, जो देश आतंकियों की हर तरह से मदद करते हों वह अपने को आतंक से पीड़ित नहीं बता सक़ते। इसलिए ऐसे देशों को इस वैश्विक जंग में बाहर करना होगा तभी हम इनके ख़िलाफ बेहतर लड़ाई लड़ सकते हैं। आपको बता दें कि बीते साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक ऐलान किया था, जिसमें तीनों सेेनाओं से बेहतर तालमेल के लिए सीडीएस के पद की घोषणा की गई। इस पद पर सबसे पहले जनरल विपिन रावत को बैठाया गया है। इसके लिए उनका कार्यकाल 3 साल के लिए बढ़ाया गया है।