अंतरिम बजट की पेशकश के दौरान मोदी सरकार ने किसानों को 6 हजार रुपए प्रति वर्ष की दर से मदद देने का ऐलान किया है। इस योजना में किसानों के खातों में प्रति वर्ष तीन किस्तों में ₹2000-2000 भेजे जाएँगे।
पिछले साल के किसान आंदोलनों को देखते हुए यह माना जा रहा था कि देश के किसान मोदी सरकार से नाराज़ चल रहे हैं। उनकी शिकायतें थी कि मोदी राज में सरकार द्वारा किसानों के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने मदद के रूप में किसानों के खातों में ₹ 6000 प्रति वर्ष भेजने का ऐलान किया है।
₹6000 की राशि मोदी सरकार तीन किश्तों में 2000-2000 करके सीधे किसानों के खातों में भेजेगी। जिस समय देश में चुनावी प्रचार जोर-शोर से तूल पकड़ रहे होंगे, उस वक्त किसानों को पहली किश्त मिल चुकी होगी।
किसानों को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मदद देने का फ़ैसला करते हुए ‘इनकम सपोर्ट प्रोग्राम’ का ऐलान भी किया गया है। इसके अलावा कार्यवाहक केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019 पेश करते हुए ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ योजना की शुरुआत करके किसानों को खुशखबरी भी दी।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर तक की ज़मीन है उन्हें हर साल ₹6 हज़ार दिए जाएँगे। सरकार के इस फैसले से देश के कमज़ोर और छोटे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी ताकि किसानों की आर्थिक हालत में सुधार हो। किसानों के लिए उठाए गए इस कदम से जहाँ सरकार पर ₹75 हज़ार करोड़ का खर्च बढ़ेगा, वहीं देश के लगभग 12 करोड़ किसानों को इससे लाभ पहुँचेगा।
‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ की शुरूआत 1 दिसंबर 2018 से लागू होगी और इस तरह इस योजना की पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च 2019 तक की अवधि में किया जाएगा।
पीयूष गोयल ने बजट पेश करने के दौरान कहा कि मोदी सरकार किसानों की आमदनी 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य तय करके चल रही है। बता दें कि पिछले साल के बजट (2018-19) में किसानों को उनकी फसलों की लागत डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की घोषणा की थी।