पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए तीन लोगों को भारत की नागरिकता मिली है। इन तीनों को मध्य प्रदेश सरकार ने नागरिकता दी है। मध्य प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत नागरिकता लेने वाले यह पहले तीन आवेदक हैं।
इन तीनों को राज्य मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजधानी भोपाल के सचिवालय में नागरिकता प्रदान की। नागरिकता पाने वालों में दो पाकिस्तानी आवेदकों समीर मेलवानी (12) और संजना मेलवानी (18) और एक बांग्लादेशी आवेदक राखी दास हैं। इन तीनों को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नागरिकता के प्रमाण पत्र सौंपे।
सीएम यादव ने राज्य में इन तीनों का स्वागत किया और यह भी कहा कि वह राज्य में आने वाले अन्य ऐसे लोगों का भी स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं इनका मध्य प्रदेश में स्वागत करता हूँ। हम यहाँ आने वाले अन्य लोगों का भी स्वागत करेंगे। आज हमें खुशी है कि दो युवा हमारे नागरिक बन रहे हैं और बांग्लादेश से आया एक परिवार हमारा नागरिक बन रहा है। आपको प्रशासन और सरकार की ओर से हर तरह की मदद मिलेगी।”
आज मंत्रालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के अंतर्गत राज्य में पहले तीन आवेदकों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्रदान कर शुभकामनाएं दीं। #DrMohanYadav #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Me4y27aCq2
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 27, 2024
नागरिकता प्रमाण पत्र मिलने के बाद बांग्लादेश से आई राखी दास ने खुशी जताई। वह आठ साल पहले पढ़ाई के लिए बांग्लादेश से भोपाल आईं थीं। दास ने कहा, “यह मेरे लिए ख़ुशी की बात है कि मुझे भारतीय नागरिकता मिल गई है। अब से मैं यहाँ परीक्षा दे सकती हूँ और साथ ही सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर सकती हूँ। मैं बांग्लादेश से PHD करने के लिए यहाँ आई थी।”
दास ने बांग्लादेश में आने वाली समस्याओं के बारे में भी बात की और कहा कि वहाँ हिंदू महिलाओं के लिए थोड़ी समस्या है और उन्हें पढ़ाई और नौकरी करने की छूट नहीं मिलती। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में सब कुछ ठीक है, लेकिन हिंदू महिलाओं के लिए थोड़ी समस्या है। दरअसल, मुझे भारत में पढ़ाई और नौकरी के लिए जो स्वतंत्रता मिलती है, वह मुझे बांग्लादेश में नहीं मिली।”
वहीं पूर्व में पाकिस्तान की नागरिक और अब में भोपाल में रहने वाली संजना मेलवानी ने भारत की नागरिकता प्राप्त करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया। संजना ने कहा, “मैं पीएम मोदी को धन्यवाद कहना चाहूँगी कि मुझे CAA के माध्यम से भारतीय नागरिकता मिली। मैं खुश हूँ और अब मैं गर्व से कह सकती हूँ कि मैं एक भारतीय हूँ।”
संजना मेलवानी के पिता प्रदीप कुमार मेलवानी ने कहा, “मुझे 2012 में भारतीय नागरिकता मिल गई थी, लेकिन बच्चों (संजना मेलवानी और समीर मेलवानी) को नागरिकता नहीं मिली थी। अब मेरा परिवार पूरा हो गया है। पहले नागरिकता मिलने में कम से कम 2-3 साल लगते थे। हमने मई में बच्चों की नागरिकता के लिए आवेदन किया था और अब हमें प्रमाण पत्र मिल गया है। अब प्रक्रिया बहुत सरल हो गई है और इससे दूसरों को भी फायदा होगा।”
गौरतलब है कि भारत सरकार ने नागरिकता संसोधन विधेयक को 2019 में ही पारित कर दिया था और इस साल मार्च से इसे कानून के तौर पर लागू कर दिया। सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जानी है। इन अल्पसंख्यकों में हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोग हैं। सरकार ने इस साल मार्च में इस कानून को लागू करते समय इसके प्रावधानों के बारे में भी बताया था।