गरुड़ प्रकाशन के बाद चेन्नई की फुटप्रिंट्स पब्लिकेशन ने दिल्ली दंगों पर आधारित मोनिका अरोड़ा की किताब प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। इसकी घोषणा पब्लिकेशन हाउस ने अपने ट्विटर हैंडल पर की है।
उनके अलावा किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने भी इस खबर की पुष्टि की है। फुटप्रिंट्स प्रकाशन की ओर से यह किताब तमिल में आएगी। इसका नाम “Delhi Riots 2020: The Untold Story in Tamil” होगा।
Chennai based Footprints Publications to publish Delhi Riots 2020: The Untold Story in Tamil – @TheCommuneMag https://t.co/dEfCZ5hNbB
— Footprints Publications (@FootprintsLLP) August 24, 2020
लेखिका मोनिका अरोड़ा ने फुटप्रिंट्स पब्लिकेशन की इस घोषणा को रीट्वीट करते हुए अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि किताब के तमिल में प्रकाशन की बात जानकर वह सम्मानित महसूस कर रही हैं।
Honoured to get#DelhiRiotsUntoldStory
— Monika Arora (@advmonikaarora) August 25, 2020
published in Tamil https://t.co/0sSVS6P26Y
गौरतलब है कि इससे पहले ब्लूम्सबरी (Bloomsbury) प्रकाशन समूह दिल्ली दंगों पर आधारित किताब Delhi Riots 2020: The Untold Story को प्रकाशित करने वाला था। लेकिन इस्लामी और वामपंथियों के दबाव में आकर उसने किताब का प्रकाशन रोक दिया। जिसके बाद इस किताब को गरुड़ प्रकाशन समूह ने प्रकाशित करने का ऐलान किया। इस किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा, सोनाली चितालकर और प्रेरणा मल्होत्रा हैं।
गरुड़ प्रकाशन से किताब आने की घोषणा होने के बाद तमिलनाडू के भाजपा प्रवक्ता एसजी सूर्य ने फुटप्रिंट्स पब्लिकेशन से इस किताब को तमिल में लाने का प्रस्ताव उनके सामने रखा। जिसे गरुड़ प्रकाशन के निदेशक संक्रांत सानु ने स्वीकार कर लिया। अपने ट्वीट में उन्होंने इस किताब को स्थानीय भाषा में लाने के प्रस्ताव को मानते हुए कहा कि हर भारतीय भाषा में इंडिक किताबों के अनुवाद और वितरण के लिए नेटवर्क होना चाहिए।
Absolutely @SuryahSG. Other language publishers too. Let us have a network for Indic book translation and distribution in all #IndianLanguages.#DelhiRiotsUntoldStories #SaffronSwords #ThankYouIndia #EnglishMediumMyth, #UrbanNaxals…@mariawirth1 @authormanoshi @vivekagnihotri https://t.co/aQZ2WX0zuu
— Sankrant Sanu सानु संक्रान्त ਸੰਕ੍ਰਾਂਤ ਸਾਨੁ (@sankrant) August 23, 2020
बता दें कि बीते दिन (22 अगस्त 2020) इस किताब के वर्चुअल विमोचन के दौरान ब्लूम्सबरी यूके मुख्यालय से दबाव बनाया गया और प्रकाशन समूह ने अचानक ही किताब प्रकाशित करने से मना कर दिया था। किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोगों की भावना देखते हुए उन्होंने फैसला किया है कि गरुड़ प्रकाशन समूह के साथ जाएँगे। यह फ़िलहाल स्टार्टअप की तरह चल रहा है।
लेखिका ने ब्लूम्सबरी प्रकाशन समूह को इस संबंध में मेल भी किया था। लेकिन वहाँ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद उन्होंने यह फैसला किया। मेल में उन्होंने साफ़ तौर पर पूछा कि क्या वह इस किताब का प्रकाशन रोक रहे हैं? वह इस बात को लिखित में दें लेकिन ब्लूम्सबरी ने फोन पर ही इस बात की जानकारी दी। यानी समझौता ख़त्म करने के लिए कोई लिखित कार्रवाई नहीं की गई।