भारत से असम को काटकर अलग करने की बात कर देशद्रोह के मामले में फँसे शरजील इमाम के बैंक खाते में विदेशों से फंडिंग होने के संकेत मिले हैं। हालाँकि, अभी तक की पड़ताल में यह बात साफ नहीं हो पाई है कि यह फडिंग कौन कर रहा था। मगर, पुलिस हर पहलू पर जाँच कर सच्चाई का पता लगाने में प्रयासरत है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस केस में बुधवार (फरवरी 5, 2020) को जामिया के तीन छात्रों से पूछताछ की गई। जिन्हें शरजील के फोन से मिले सबूतों के आधार पर नोटिस देकर जाँच में शामिल होने के लिए कहा गया था। इन छात्रों की पहचान शाहनवाज, सनाउल्लाह और सिद्धार्थ के रूप में हुई है।
ये छात्र कल सुबह चाणक्यपुरी स्थित क्राइम ब्राँच ऑफिस में पहुँचे। उनसे करीब 5 घंटे तक बारी-बारी से सवाल-जवाब किए गए। इन छात्रों ने पुलिस को जानकारी दी कि शरजील के कहने पर ही उन्होंने जामिया और एनएफसी एरिया में सीएए और एनआरसी को लेकर पर्चे बाँटे थे।
जानकारी के अनुसार पूछताछ में इन छात्रों ने खुलासा किया कि शरजील ने भड़काऊ और कट्टरपंथी भाषा वाले 3 तरह के 5 हजार पोस्टर छपवाए थे। ये पोस्टर मुस्लिम बहुल एरिया में मस्जिद के आसपास तक पहुँचाए गए थे। क्राइम ब्रांच शरजील इमाम की आवाज के नमूने भी जल्द एफएसएल जाँच के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है।
गौरतलब है कि शरजील के बैंक अकॉउंट पर पड़ताल शुरू करने से पहले फोन की जाँच के दौरान दिल्ली पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली थीं। जिनके आधार पर पुलिस ने शरजील का साथ देने वाले 15 और लोगों की पहचान की थी। इनमें से ही कुछ को पुलिस ने नोटिस भी भेजा था, जबकि बाकी अन्य लोगों से भी सामान्य पूछताछ चल रही थी। इन 15 चिह्नित लोगों में कुछ जामिया और कुछ एएमयू के छात्र भी शामिल थे। इसके अलावा इस सूची में कुछ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के भी नाम थे।
इन खुलासों के बाद ही फंडिंग संबंधित जानकारी जुटाने के लिए शरजील के बैंक अकाउंट को भी खंगाला गया। इसके अलावा इस बात की भी जाँच हुई कि शरजील इमाम के साथ कौन-कौन लोग भड़काऊ भाषण में और विवादित पोस्टर छपवाने में शामिल थे।
शरजील के फोन से चौंकाने वाले खुलासे, जामिया और एएमयू के छात्रों सहित 15 पर कसा शिकंजा