Sunday, November 17, 2024
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भैंसा में 4 साल की बच्ची से रेप, समुदाय विशेष के लड़के पर आरोप: दंगों से तनाव के कारण पुलिस की लीपापोती?

"कोई पीड़िता अगर अपने साथ हुए यौन शोषण की शिकायत करे तो क्या इससे सांप्रदायिक हिंसा होने लगती है? पुलिस ने मौजूदा तनाव और बढ़ जाने की आड़ में इस मामले की लीपापोती का प्रयास किया।"

तेलंगाना के उत्तरी हिस्से में स्थित निर्मल जिले के भैंसा में सांप्रदायिक दंगों की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब वहाँ एक नाबालिग बच्ची के यौन शोषण का मामला सामने आया है। बुधवार (मार्च 3, 2021) को हुई ये घटना मिर्जापुर गाँव की है। नाबालिग पीड़िता के यौन शोषण का आरोप एक किशोर पर लगा है।

newindianexpress की रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित बच्ची और आरोपित अलग-अलग समुदाय से हैं। लड़की की उम्र मात्र 4 वर्ष है। इसी रिपोर्ट में आरोपित लड़के की उम्र सूत्रों के हवाले से 17 साल बताई गई है।

पुलिस पर इस मामले में लीपापोती करने के आरोप लगे हैं। घटना के अगले ही दिन बच्ची का मेडिकल टेस्ट हुआ। आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने पीड़ित परिजनों से बिना कोई हो-हल्ला मचाए अपने गाँव वापस लौट जाने को कहा। 17 वर्षीय आरोपित उस समय भाग खड़ा हुआ, जब स्थानीय लोगों ने बच्ची के रोने की आवाज़ सुनी। वो लड़की को अपने घर में बहला-फुसला कर ले गया था। बच्ची की दादी ने देखा कि लड़की के पाँव पर खून लगे हुए थे।

बच्ची के माता-पिता दूर खेत में काम कर रहे थे, जिन्हें बुलाया गया। चूँकि भैंसा में कर्फ्यू लगा हुआ है, इसलिए माता-पिता बच्ची को लेकर इलाज के लिए निर्मल चले गए। अस्पताल प्रशासन ने ही उन्हें इस मामले की पुलिस शिकायत दर्ज कराने को कहा। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बच्ची के मेडिकल टेस्ट के लिए निर्मल अस्पताल ले जाया गया। टेस्ट के बाद पुलिस ने परिजनों को वापस जाने को कहा।

बताया गया है कि पहले से बने तनाव के माहौल की बात करते हुए पुलिस ने ऐसा कहा। हालाँकि, वापस लौटते समय बच्ची का दर्द काफी बढ़ गया। परिजनों ने मदद के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष रमा देवी से संपर्क किया, जिन्होंने हैदराबाद के गाँधी अस्पताल में उसके इलाज की व्यवस्था की। भैंसा DSP ए नरसिंग राव ने कहा कि पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। भाजपा इस मामले में अब मुखर हो गई है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने दावा किया कि पुलिस ने पीड़ित परिजनों पर इस हैवानियत के बारे में किसी को कुछ न बताने का दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून सबके लिए समान नहीं है और पुलिस ने मौजूदा तनाव और बढ़ जाने की आड़ में इस मामले की लीपापोती का प्रयास किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने लड़की की माँ से सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया है। भाजपा नेता ने पूछा कि कोई पीड़िता अगर अपने साथ हुए यौन शोषण की शिकायत करे तो क्या इससे सांप्रदायिक हिंसा होने लगती है?

वहीं बच्ची के पिता ने पुलिस पर ‘अमानवीय व्यवहार’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें दोबारा पुलिस थाना न आने के लिए कहा गया था। DGP एम महेंदर रेड्डी ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले में तेज़ी से जाँच आगे बढ़ा कर आरोपित की धर-पकड़ करने को कहा है। हैदराबाद का ‘वीमेन सिक्योरिटी विंग’ जाँच की निगरानी करेगा। DGP ने पुलिस को आदेश दिया है कि सम्बद्ध विभागों से समन्वय बना कर वो पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाएँ।

वहीं ‘तेलंगाना स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (TSCPCR)’ ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए जाँच के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

समिती में बी अपर्णा, वाई बृंदाधार राव और रागा ज्योति शामिल हैं। उन्होंने गाँधी अस्पताल जाकर बच्ची की स्थिति का जायजा लिया और TSCPCR को शुरुआती रिपोर्ट सौंपी। आरोपित की उम्र कुछ मीडिया खबरों मे 18 वर्ष भी बताई गई है।

वहीं ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)’ ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया, “तेलंगाना के निर्मल जिले में एक बच्ची के यौन शोषण की घटना मेरे संज्ञान में आई है। NCPCR इस मामले में कार्यवाही कर रहा है।” भैंसा सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका है और यहाँ पिछले साल भी हिंसा की खबरें आई थीं।

तेलंगाना के भैंसा में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में कुल 15 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा दो पार्षदों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर हिंसा में सक्रियता से भाग लेने का आरोप है। भैंसा में दो धार्मिक समूहों के बीच रविवार शाम सांप्रदायिक झड़प हुई। थी, जिसके परिणामस्वरूप दो घरों और नौ वाहनों को आग लगा दी गई थी। पथराव में कुछ पत्रकारों और पुलिसकर्मियों सहित 10 लोग घायल हो गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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