Tuesday, November 19, 2024
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संदेशखाली में लोगों ने शेख शाहजहाँ की प्रॉपर्टी में लगाई आग, TMC नेता पर ED ने भी किया केस: फरारी पर बोला भाई आलमगीर- वह बंगाल में ही है

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता शेख शाहजहाँ के खिलाफ प्रदर्शन अब भी जारी है। खबर है कि वहाँ सड़कों पर उतर प्रदर्शनकारियों ने इस बार टीएमसी नेता की संपत्ति में आग को लगाया है।

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता शेख शाहजहाँ के खिलाफ शुक्रवार (23 फरवरी 2024) को लाठी-ंडंडे लेकर एक और प्रदर्शन हुआ। इस दौरान बंगाल के डीजीपी ने वहाँ पहुँच पीड़ितों को कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन तब तक प्रदर्शनकारी टीएमसी नेता से जुड़ी संपत्ति में आग चुके थे। पीड़ितों का कहना था कि अगर पुलिस समय से कार्रवाई करती तो उन्हें ये सब करने की जरूरत ही नहीं होती।

वहीं ईडी ने अपनी ओर से शेख शाहजहाँ के विरुद्ध एक और केस दर्ज कर लिया है। इधर बंगाल पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी की महिला सदस्यों आज फिर पीड़िताओं से मिलने से रोक दिया है और भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी को हिरासत में ले लिया है। दूसरी ओर बंगाल के एडीजी सुप्रतिम सरकार और डीआईजी भास्कर मुखर्जी मौके पर पहुँचे हैं।

शेख शाहजहाँ की संपत्ति में आग

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, संदेशखाली में शुक्रवार को भी प्रदर्शन हुआ। इस दौरान लाठियों से लैस होकर प्रदर्शनकारियों ने संदेशखाली के बेलमाजुर इलाके में एक मछली पकड़ने के यार्ड के पास छप्पर वाली संरचनाओं को आग लगा दी। ऐसा करके इन प्रदर्शनकारियों ने टीएमसी नेता शाहजहाँ शेख और उनके भाई सिराजुद्दीन के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस इस मामले में सालों से कुछ नहीं कर रही। ऐसे में उन्हें खुद ही अपनी जमीन और सम्मान के लिए लड़ना पड़ रहा है।

ईडी ने दायर किया नया केस

इस बीच ईडी ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न, जमीनें कब्जाने के आरोप से घिरे शेख शाहजहाँ को लेकर एक नया केस दर्ज किया है। ये केस जमीन कब्जाने के मामले में है। इससे पहले जो ईडी ने उस पर केस किया था वो राशन घोटाले मामले में था जिसमें छापेमारी के वक्त ईडी पर हमला करवाया गया था और शेख शाहजहाँ फरार हुआ था।

भाई ने बताया-बंगाल में है शाहजहाँ

बता दें कि 5 फरवरी से ही संदेशखाली से शाहजहाँ फरार है। लेकिन उसके भाई आलमगीर का कहना है कि शाहजहाँ शेख कहीं नहीं भागा है। वो यहीं बंगाल में ही है। लोग कह रहे हैं कि वो बांग्लादेश भाग गया, तो फिर उसके लिए वकील कौन कर रहा है। आलमगीर की मानें तो उसका भाई कहाँ है? ये उसे नहीं पता। उसके मुताबिक ED की रेड जिस दिन पड़ी थी, उसी दिन से उसकी शेख शाहजहाँ से बात नहीं हुई। फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा है।

आलमगीर के अनुसार, उसके भाई जो लोग इल्जाम लगा रहे हैं वो बिलकुल झूठ हैं। आरोप लगाने वाली महिलाएँ भी उसके मुताबिक बाहर से बुलाई गई हैं। इसके अलावा वो ये भी कहता है कि पार्टी कार्यालय में उन लोगों ने कभी महिलाओं को नहीं बुलाया। शिबू हाजरा के घर में महिलाएँ आती थीं लेकिन वो भी खाना या दालपीठा (दाल भरी चावल की मोटी रोटी) बनाने के लिए आती थीं।

गौरतलब है कि एक ओर बंगाल के संदेशाखाली में बंगाल डीजीपी राजीव कुमार ने पीड़िताओं से मुलाकात करके उन्हें आश्वासन दिया था कि सख्त से सख्त कार्रवाई मामले में होगी। वहीं एडीजी और डीआईजी भी मौके पर पहुँचे हैं। लेकिन मालूम पड़ता है इससे स्थानीयों का गुस्सा शांत नहीं है।

वो लगातार पुलिस का विरोध कर ही रहे हैं। वहीं पुलिस भी लगातार कोशिश में है मामला शांत हो जाए। इसके लिए वह अब भी भाजपा नेताओं को पीड़िताओं से मिलने के लिए रोक रहे हैं। भाजपा सांसद और राज्य की महासचिव लॉकेट चटर्जी का आज इसी बात पर बंगाल की महिला पुलिसकर्मियों से विवाद हुआ। इसके बाद खबर है कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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