भारत के जिन मसालों में कैंसर बढ़ाने वाले रसायनों के मिलने का हल्ला मचाया गया, वो उनमें मौजूद ही नहीं था। भारतीय बाजार में मौजूद तमाम ब्रांड्स की जाँच भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने की, लेकिन किसी भी सैंपल में कैंसर बढ़ाने वाला पदार्थ (ETO) मौजूद नहीं पाया गया। इस बात की जानकारी खुद भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय बाजार में उपलब्ध मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) नहीं मिला है। एफएसएसएआई ने मंगलवार (21 मई 2024) को बताया कि उसने 300 से अधिक सैंपल पूरे देश से कलेक्ट किए, लेकिन उनमें से किसी में भी एथिलीन ऑक्साइड नहीं मिला है। बता दें कि लोकप्रिय मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट पर सिंगापुर और हाँगकाँग में सवाल उठने और उनमें कैंसर के लिए जिम्मेदार ईटीओ की मौजूदगी के बाद एफएसएसएआई ने मसालों के सैंपल लिए थे, जिनके परिणाम अब सामने आए हैं।
एफएसएसएआई ने विवाद उठने के बाद जाँच के लिए एवरेस्ट मसाले के दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 9 सैंपल, जबकि एमडीएच के 11 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 25 सैंपल लिए गए थे। दोनों कंपनियों की यूनिट से लिए गए कुल 34 सैंपलों में से 28 की रिपोर्ट आ गई है, और सभी पूरी तरह से साफ निकले हैं। यही नहीं, दूसरे ब्रांड के मसालों के 300 सैंपल में से भी किसी में ईटीओ नहीं पाया गया है।
इस मामले में विवाद के बाद 22 अप्रैल को देश के अलग-अलग हिस्सों में ये सैंपल लिए गए थे। फूड कमिश्नरों को सैंपल लेने के निर्देश दिए गए थे, जिनकी गहन जाँच की गई। जाँच में सभी भारतीय मसाले ईटीओ फ्री पाए गए हैं।
गौरतलब है कि हाँगकाँग और सिंगापुर ने लोकप्रिय मसाला ब्राँड एमडीएच और एवरेस्ट के उत्पादों में कैंसरजनक रसायन ईटीओ की मौजूदगी पाए जाने के बाद अप्रैल में उनपर बैन लगा दिया था। ऐसा ही बैन नेपाल ने भी लगाया था और भारतीय मसालों को ही खरीदने से मना कर दिया था। लेकिन अब सभी मसाले बेदाग निकले हैं। बता दें कि भारत ने साल 2023-24 में पूरी दुनिया के कुल मसालों का 12 प्रतिशत अकेले ही एक्सपोर्ट किया था, जिसकी कुल कीमत 4.25 अरब डॉलर थी। हालाँकि इस विवाद के बाद मसालों की बिक्री में मामूली कमी आ सकती है। ऐसे में अब जब जाँच के नतीजे आ गए हैं, तो एक बार फिर से भारतीय मसालों की वैश्विक बाजार में धूम होने वाली है।