बिहार के गया में मूर्ति विसर्जन के दौरान थानाध्यक्ष की अमर्यादित भाषा पर लोगों के भड़कने और क्षेत्रीय तनाव की ख़बर सामने आई है। विजयादशमी के अवसर पर मंगलवार (8 अक्टूबर) की रात को प्रशासन द्वारा निर्गत पाँच लाइसेंसी माँ दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन दुखहरणी मंदिर के पास कराया जा रहा था। पहले तो हालात बिल्कुल सामान्य थे और मूर्ति को लेकर हर्षोल्लास के साथ आगे बढ़ रहे थे।
दैनिक जागरण की ख़बर के अनुसार, भक्तजनों की भीड़ एक स्थल पर पहुँची तो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नारेबाजी शुरू हो गई। यह नारेबाजी कुछ समुदाय विशेष के लोगों को इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने भक्तों की भीड़ से नारेबाजी के ख़िलाफ़ अपनी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन, पड़ोसी देश के ख़िलाफ़ नारेबाजी जारी रही। स्थिति को संभालने के लिए कोतवाली थानाध्यक्ष संजय कुमार ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, जिससे वहाँ मौजूद लोगों के बीच ग़ुस्सा भड़क गया। इस बीच दो पक्षों के बीच ईंट-पत्थर से हमले किए गए।
हालात इतने बिगड़ गए कि दुखहरणी द्वार से पाँच मूर्ति को गुज़ारने के लिए पाँच घंटे का समय लग गया। इसकी ज़िम्मेदारी सिटी एसपी के कंधे पर थी, जिनके सहयोग के लिए एएसपी अरूण कुमार सिंह को लगाया गया था। दो पक्षों के बीच हुए हंगामे और पत्थरबाज़ी के दौरान पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा कवच धारण किया हुआ था। बिगड़े हालातों के बीच बुधवार (9 अक्टूबर) की सुबह तीन बजे मूर्ति पास कराया गया।
बता दें कि दुखहरणी चौक रोड प्रमुख मार्ग है, जो इस तनाव के चलते ईंट-पत्थरों से भर गया था। इस तरह के हालात को देखकर दशहरे का मेला देखने आए लोगों में काफ़ी दहशत का माहौल था। भगदड़ के माहौल में कई लोगों को चोटें भी आईं। चौक रोड पुलिस छावनी में तब्दील हो गई। इस दौरान ज़िला पुलिस बल, वरिष्ठ अधिकारी, दंगा नियंत्रण वाहन सहित अन्य सुरक्षा बल भी मौजूद थे।
भारी तनाव की सूचना मिलते ही डीएम अभिषेक सिंह एवं एसएसपी राजीव मिश्रा मौक़े पर पहुँचे और हालात का मुआयना किया। दोनों अधिकारियों ने कमान संभाली और बुधवार की सुबह 3:30 बजे तक चौक रोड पर डटे रहे। ख़बर के अनुसार, एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान जामा मस्जिद के पास पत्थरबाज़ी मामले में FIR की जाएगी। पुलिस पर पथराव के मामले में कई युवकों को गिरफ़्तार किया गया है। इनमें एक पुलिस जवान के सिर पर चोट लगी थी। इन युवकों ने मंगलवार की रात से सुबह तीन बजे तक लगातार पुलिस पर पथराव किया। जवाब में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
मीडिया में ख़बरों के अनुसार, कोतवाली थानाध्यक्ष ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। साथ ही थानाध्यक्ष ने 12 लोगों को गिरफ़्तार किए जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इन 12 में से पाँच लोग नशे में धुत्त पाए गए। सभी को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।