यूपी पुलिस ने बुधवार (अप्रैल 28, 2021) को ट्विटर पर जानकारी दी कि गाजियाबाद की एक लड़की की मौत के बारे में किए सभी ट्वीट्स फर्जी थे। बता दें कि हाल ही में, कई ट्वीट वायरल हुए थे, जिसमें यह दावा किया गया था कि एक लड़की ने अपने गुल्लक को तोड़ कर पीएम केयर्स फंड को 5,000 रुपए का दान दिया, लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
इस तरह के कुछ ट्वीट्स में यह भी दावा किया गया कि लड़की गाजियाबाद की थी। हालाँकि, यह सच नहीं है। यूपी पुलिस ने बुधवार को मामलों के बारे में जानकारी देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
उत्तर प्रदेश के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए बताया गया कि कोविड महामारी के बीच, कुछ निहित स्वार्थ प्रशासन को बदनाम करने के लिए त्रासदियों से संबंधित फेक न्यूज फैला रहे हैं।
Amidst covid pandemic,some vested interests r spreading an ‘Info-demic’ of #FakeNews related 2 tragedies in order to defame t administration.
— UP POLICE (@Uppolice) April 28, 2021
In a #socialmedia tool kit fashion, we discovered tweets about a girl’s death in GZB which was fake in which an FIR has been lodged(1/2) pic.twitter.com/qu3DgVLO86
क्लिप में, लड़की के पिता का कहना है कि उनकी 18 साल की बेटी स्वस्थ है और फिलहाल वह अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुकी है।
यूपी पुलिस ने आरोप लगाया है कि बदमाशों द्वारा अफवाह फैलाने और COVID-19 के फैलने के बीच दहशत पैदा करने के लिए ‘टूल किट ट्वीट’ का इस्तेमाल किया जा रहा था। एक अन्य ट्वीट में, पुलिस ने कहा कि नोएडा पुलिस के बारे में ऐसे ही ’टूल किट ट्वीट’ का इस्तेमाल कर कई लोगों ने प्रशासन को बदनाम करने के लिए त्रासदियों के बारे में फर्जी खबरें पोस्ट कीं। इसमें यह भी कहा गया है कि इंटरनेट पर अफवाह फैलाने के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
Similar ‘tool kit tweets’ were found about Noida where several people faked about their tragedy in which also FIR has been lodged. We mourn the loss of precious human lives & request unscrupulous elements to refrain from making a capital out of people’s tragedies (2/2) https://t.co/6EIRCOZMCY
— UP POLICE (@Uppolice) April 28, 2021
यूपी पुलिस सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ दर्ज किया एफआईआर
पिछले शनिवार को, उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी सरकार और नोएडा पुलिस की छवि को धूमिल करने के लिए फर्जी एकाउंट्स का उपयोग करके अफवाह फैलाने और कोविड -19 के प्रकोप के बीच दहशत पैदा करने की कोशिश के लिए सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
बता दें कि जिन ट्विट्स के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई, उसमें सोशल मीडिया यूजर्स ने जोर देकर महामारी के कारण उनके प्रियजनों की मौत का दोष प्रशासन पर लगाया था। ट्वीट में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम मोदी और कई अन्य प्रमुख हस्तियों का जिक्र किया गया था। पुलिस ने कॉपी-पेस्ट किए गए संदेशों के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया वेबसाइटों पर भी शेयर किए। स्क्रीनशॉट में महामारी के कारण अपने प्रियजनों के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हुए कई यूजर्स के ट्वीट अक्षरश: एक जैसे थे।