Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजDU के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा अभी जेल में ही रहेंगे: नक्सली कनेक्शन का...

DU के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा अभी जेल में ही रहेंगे: नक्सली कनेक्शन का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला किया निलंबित

सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ने हाउस अरेस्‍ट की माँग की थी, इसे भी ठुकरा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तर्क दिया कि हाउस अरेस्‍ट की माँग अपराध की गंभीरता को देखते हुए स्‍वीकार नहीं की जा सकती।

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को अभी जेल में ही रहना होगा। माओवादियों से संबंध के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के फैसले को निलंबित कर दिया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने कल यानी 14 अक्टूबर 2022 को पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को आरोप मुक्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को 15 अक्टूबर 2022 को निलंबित कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ने हाउस अरेस्‍ट की माँग की थी, इसे भी ठुकरा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तर्क दिया कि हाउस अरेस्‍ट की माँग अपराध की गंभीरता को देखते हुए स्‍वीकार नहीं की जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट का यह मानना है कि पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को गंभीर अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है। 8 साल पहले माओवादियों की मदद से देश के खिलाफ माहौल बनाने के आरोप में वह गिरफ्तार किए गए थे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और माओवादियों से संबंध के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला आया है। इस केस की अगली सुनवाई 8 दिसंबर 2022 को होगी।

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और माओवादियों से संबंध के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -