अपडेट: बिहार के डीजीपी की जॉंच के बाद हम सूचनाओं को अपडेट कर रहे हैं। पीड़ित पिता इस दौरान कई बार अपने बयान से मुकरे हैं। लिहाजा उनकी ओर से किए गए सांप्रदायिक दावों को हम हटा रहे हैं। हमारा मकसद किसी संप्रदाय की भावनाओं का आहत करना नहीं था। केवल पीड़ित पक्ष की बातें सामने रखना था। इस क्रम में किसी की भावनाओं को ठेस पहुॅंची हो तो हमे खेद है।
बिहार के गोपालगंज जिले में रोहित जायसवाल नामक एक बच्चे की नदी से लाश मिली थी। रोहित के पिता राजेश का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई। इसकी शिकायत लेकर वे पुनिस के बाद गए तो थानाध्यक्ष ने कथित तौर पर उनसे अभद्र व्यवहार किया।
राजेश जायसवाल के अनुसार उन्होंने अपना गॉंव छोड़ दिया है। घटना बिहार के गोपालगंज स्थित कटेया के बेलाडीह (बेलहीडीह, पंचायत: बेलही खास) की है। राजेश जायसवाल पकौड़े बेच कर अपना गुजर-बसर करते था। उनका कहना है कि 28 मार्च 2020 को कुछ लड़के आए और उनके बच्चे को क्रिकेट खेलने के बहाने बुला कर ले गए।
बच्चे का गला दबा कर मार डाले जाने की बात कही जा रही है। इस हत्याकांड में 6 लोगों के शामिल होने के आरोप लगे हैं। पीड़ित परिवार और आरोपितों के बीच पहले से कोई कहासुनी हुई थी क्या? राजेश का कहना है कि उनका कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ है।
ऑपइंडिया ने गोपालगंज के एसपी से बातचीत की, जिन्होंने बताया कि इस मामले में जाँच कर के कार्रवाई की जा चुकी है और एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। पीड़ित परिवार के आरोपों पर उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया और कहा कि एसडीपीओ ही इस बाबत कुछ कह पाएँगे, क्योंकि मामले की जाँच उन्हें ही सौंपी गई है। हथुआ एसडीपीओ ने व्यस्तता का हवाला देते हुए इस सम्बन्ध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
राजेश जब पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर पहली बार गए थे, तब थानाध्यक्ष अश्विनी तिवारी कथित तौर पर रिपोर्ट लिखने में आनाकानी कर रहे थे। राजेश का आरोप है कि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी अपने मन मुताबिक बनवाई। बच्चे के मृत शरीर को 2-3 मिनट के लिए अंदर ले जाया गया और पोस्टमॉर्टम कर लिए जाने की बात कही गई।
बाद में राजेश अपनी पत्नी को लेकर थाना गए थे। जहाँ पर थानाध्यक्ष अश्विनी तिवारी ने उन्हें कथित तौर पर गन्दी-गन्दी गालियाँ दी। ये