गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले में सहारनपुर के अब्दुल रहमान का नाम सामने आ रहा है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर मीडिया रिपोर्टों में अलग-अलग तरह की बात कही जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार 3 अप्रैल 2022 को हमला करने से पहले मुर्तजा अब्बास ने उससे फोन पर बात की थी।
अब्दुल रहमान सहारनपुर के बड़कला गाँव का रहने वाला है। इस गाँव के प्रधान मोतीलाल ने ऑपइंडिया को बताया कि रहमान ज्यादातर छुटमलपुर बाजार में रहता है। छुटमलपुर एक कस्बा है जो सहारनपुर जिले से उत्तराखंड जाने वाली सड़क पर पड़ता है। प्रधान के मुताबिक मंदिर पर हमले के बाद से उनके गाँव में पुलिस का लगातार आना-जाना बना हुआ है।
ऑपइंडिया से बातचीत में छुटमल बाजार के ही निवासी रोहित सैनी से बताया, “रहमान मूल रूप से बड़कला गाँव का निवासी है। उसकी दुकान गाँव के बगल में स्थित छुटमलपुर बाजार में पड़ती है। किराना स्टोर के साथ वो लड़कियों के श्रृंगार के सामान की दुकान भी चलाता है। उसकी दुकान जहाँ है, उस क्षेत्र में अधिकतर मुस्लिम ही रहते हैं। उसका गाँव दुकान से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। यह गाँव फतेहपुर थाना क्षेत्र में आता है।”
आज तक और एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार रहमान की मोबाइल की दुकान है। वह एक मस्जिद में इमाम भी है। प्रधान मोतीलाल ने बताया, “अब्दुल रहमान के अब्बा का नाम अख्तर था। उनकी मौत लगभग 5 साल पहले ही हो गई थी। वो भगवानपुर (सहारनपुर) के मदरसे में पढ़ाते थे। रहमान का भाई सुलेमान है जो गाँव में ही रहता है। ये दोनों भाई भी अपने अब्बा के मदरसे में पढ़ते और पढ़ाते थे। रहमान की अम्मी की भी कुछ दिन पहले मृत्यु हो गई थी। रहमान ज्यादातर छुटमलपुर बाजर में ही रहता था।” रहमान की उम्र लगभग 30 साल है। प्रधान के अनुसार उसका निकाह मेरठ में हुआ है। उसकी बीवी गाँव में ही रहती है। उन्होंने बताया कि गाँव में किसी को भी उसकी इन हरकतों के बारे में नहीं पता था।
बताया जाता है कि अब्दुल रहमान का नाम मुर्तजा से पूछताछ में सामने आया था। लेकिन शुरुआती पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। लेकिन कुछ रिपोर्टों के अनुसार मुर्तजा के कॉल डिटेल की पड़ताल के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इससे यह बात सामने आई कि हमले वाले दिन भी वह मुर्तजा के संपर्क में था और दोनों की बात हुई थी। सहारनपुर के एसएसपी आकाश तोमर ने इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि एटीएस ने स्थानीय पुलिस से इसके बारे में फिलहाल जानकारी साझा नहीं की है।
यह भी कहा जा रहा है कि मुर्तजा के साथ वह नेपाल भी गया था। अब्दुल रहमान के भी सीरिया से संपर्क बताए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मुर्तजा के लिंक भी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से मिले हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार हमले के बाद उसकी योजना नेपाल के रास्ते सीरिया भागने की ही थी। 3 अप्रैल को आईआईटी से केमिकल इंजीनियर 30 वर्षीय अहमद मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में सुरक्षाकर्मियों हमला कर दिया था। इस हमले में पीएसी के दो कॉन्स्टेबल घायल हो गए थे। अन्य सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़कर उसके हथियार को जब्त कर लिया था। अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे पता चला है कि उसके आईएसआईएस से लिंक थे। उसने बीते डेढ़ साल में लगभग 8 लाख रुपए नेपाल के बैंकों के माध्यम से ISIS का गढ़ कहे जाने वाले सीरिया भेजे थे।