उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर भी कोरोना आपदा के बीच राहत-कार्य में जुटा हुआ है। भले ही मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए बंद हो गए हैं लेकिन मंदिर ने अपने भक्तों को नहीं छोड़ा है। गोरखनाथ पीठ से कई संस्थान जुड़े हुए हैं, जो अपने-अपने स्तर से जनसेवा का काम कर रहे हैं। मंदिर का अस्पताल भी है, जिसने मरीजों के लिए अपने कई बेड्स समर्पित कर दिए हैं, वहीं यहाँ के शिक्षण संस्थान सैनिटाइजर के वितरण में लगे हुए हैं। मास्क व अन्य ज़रूरी चीजों का भी वितरण किया जा रहा है।
गोरखनाथ मंदिर कार्यालय देश-प्रदेश के विभिन्न इलाक़ों में फँसे लोगों की मदद करने में लगा हुआ है। आसपास के लोगों को सामग्रियाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। भंडारा भी कराया जा रहा है, जिसमें सोशल डिस्टन्सिंग और साफ़-सफाई का उचित ध्यान रखा जा रहा है। मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी अपनी टीम के साथ पूरी व्यवस्था की देखरेख में लगे रहते हैं और वो सुबह से शाम तक वहाँ रुक कर ख़ुद सारी स्थिति का जायजा लेते हैं। उन्होंने बताया कि रोज कम से कम 200 लोगों की मदद की जा रही है।
नाथ पीठ ने गुरु श्रीगोरक्षनाथ अस्पताल के 300 बेड, 10 वेंटीलेटर और बलरामपुर स्थित माँ पाटेश्वरी देवी शक्तिपीठ के अस्पताल के 50 बेड जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं, ताकि अस्पताल में मरीजों के इलाज में संसाधन की कोई कमी न रहे। गोरखपुर में एक कोरोना अस्पताल बनाया जाएगा, ऐसा स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है। इस अस्पताल में गुरु गोरक्षनाथ अस्पताल के 154 बेड्स और 4 वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया जाएगा। महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज ने सैनिटाइजर और मास्क बनाकर उनका वितरण भी शुरू कर दिया है। इस कॉलेज को नाथ पीठ ही सञ्चालित करती है। ग्रामीण इलाक़ों में ख़ास ध्यान दिया जा रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के इस आपद्काल में लोक कल्याण व जनसेवा के उद्देश्यों के साथ नाथ पीठ अहर्निश सक्रिय है।
— Gorakhnath Mandir (@GorakhnathMndr) April 14, 2020
पीठ से संबद्ध विभिन्न चिकित्सालय एवं विद्यालय अपने समस्त संसाधनों के साथ जन रक्षा हेतु निरंतर हर संभव योगदान कर रहे हैं।
पढ़ें.. @JagranNews में प्रकाशित यह समाचार pic.twitter.com/bJYa7X79M2
मास्क व सैनिटाइजर प्राचार्य डॉक्टर प्रदीप राव की देखरेख में तैयार किए जा रहे हैं। महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज द्वारा भी हज़ारों की संख्या में मास्क तैयार किया जा रहा है। गोरखनाथ मंदिर अन्य राज्यों में भी स्थित है, जहाँ से न सिर्फ़ पीएम राहत फंड में रुपए दिए गए हैं बल्कि उन राज्यों के मुख्यमंत्री कोष में भी दान दिए गए हैं। यूपी के गोरखपुर मंदिर परिसर में अन्य संस्थाओं के लोगों को भी जनसेवा अभियान चलाने की अनुमति दी जाती है। वहाँ मेडिकल दिशानिर्देशों और सरकारी सलाहों का पालन करते हुए सारी व्यवस्था की गई है।