Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजजाकिर नाइक का 'शागिर्द', दूसरी निकाह की तैयारी, जिहादी दस्तावेज: 'सनकी' नहीं शातिर है...

जाकिर नाइक का ‘शागिर्द’, दूसरी निकाह की तैयारी, जिहादी दस्तावेज: ‘सनकी’ नहीं शातिर है गोरखनाथ मंदिर का हमलावर अहमद मुर्तजा अब्बासी

वो पहले से ही ATS की रडार पर था। पिछले शनिवार को कुछ लोग उसके घर उससे मिलने भी आए थे, जिनकी बाइक पर लखनऊ का नंबर प्लेट था। एक घंटे की मुलाकात के आड़ वो घर से लापता हो गया था।

गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर पर अहमद मुर्तजा अब्बासी नाम के एक शख्स ने धारदार हथियार से हमला बोल दिया, जिसमें 2 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए। सोमवार (4 मार्च, 2022) को इस घटना को अंजाम देने वाले मुर्तजा अब्बासी को IIT मुंबई से केमिकल इंजीनियर बताया जा रहा है। वो 10 मिनट तक जवानों से लड़ता रहा और 4 जवानों पर उसने हमले किए। गमछे में छिपा कर वो हथियार लाया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस धाम के महंत हैं।

उसे अब तक भले ही सिरफिरा और सनकी बता कर उसका बचाव किया जा रहा हो, लेकिन पुलिस जाँच में निकला है कि वो शातिर है। वो आतंकी हमले के लिए तैयार था, जिसका सबूत उसके लैपटॉप और मोबाइल में मिले वीडियोज हैं। इन्हें दिखा कर ही उसका ब्रेनवॉश हुआ था। वो जाकिर नाइक से प्रभावित था और उसके लोन वुल्फ अटैक के हमले के वीडियोज देखा करता था। उसके मुंबई और नेपाल कनेक्शंस की जाँच की जा रही है।

महराजगंज जिले से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। गुजरात, मुंबई और कोयम्बटूर के ATS से संपर्क साधा गया है। फ़िलहाल मुर्तजा पुलिस कस्टडी रिमांड पर है और उससे पूछताछ जारी है। 11 अप्रैल तक वो पुलिस कस्टडी में रहेगा। गोरखपुर शहर के ही सिविल लाइंस में रहने वाले इंजीनियर मुनीर अहमद का बेटा मुर्तजा अब्बासी का परिवार पहले मुंबई में रहता था, लेकिन अक्टूबर 2020 से गोरखपुर सिविल लाइंस में आकर बस गया।

वो अक्सर यूट्यूब पर जिहाद से जुड़े वीडियोज देखा करता था और झड़ी वेबसाइट्स सर्च करता था। कई कट्टर इस्लामी नेताओं को वो फॉलो ही करता था। 2015 में केमिकल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उसने 2 बड़ी कंपनियों में नौकरी भी की है। परिवार का कहना है कि 2017 से ही उसकी मानसिक हालत का इलाज कराया जा रहा है। उसकी बीवी उसे छोड़ कर जा चुकी है। एक अन्य युवती से बातचीत चल रही थी, जो बीच में ही ख़त्म हो गई।

पिछले कुछ समय से उसने अपने दोस्तों से मिलना-जुलना भी बंद कर दिया था। पुलिस को शक है कि उसकी मानसिक हालत खराब होने की बात उसे बचाने के लिए की जा रही है। उसके गैजेट्स से आतंकी संगठन ISIS और सीरिया से जुड़े कुछ साहित्य मिले हैं। अधिकारी कह चुके हैं कि ये किसी गंभीर साजिश का हिस्सा हो सकता है। वो अंदर जाकर श्रद्धालुओं को क्षति पहुँचा सकता था। ATS की टीम मुंबई जाकर और जानकारी जुटाएगी।

इस हमले में घायल हुए जवानों पीएसी कांस्टेबल गोपाल गौड़ और अनिल पासवान के साथ ही पुलिस कांस्टेबल अनुराग राजपूत को पाँच लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। अहमद मुर्तजा अब्बासी के पेन ड्राइव से भी भड़काऊ वीडियोज मिले हैं। उसके मोबाइल में अधिकतर नंबर्स मुंबई के हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। किसके कहने पर उसने ये सब किया, इसका खुलासा जल्द होगा। उसकी दोस्ती ज्यादा लोगों से नहीं थी और कुछ खास लोगों से ही वो बातचीत करता था।

वो पहले से ही ATS की रडार पर था। पिछले शनिवार को कुछ लोग उसके घर उससे मिलने भी आए थे, जिनकी बाइक पर लखनऊ का नंबर प्लेट था। एक घंटे की मुलाकात के आड़ वो घर से लापता हो गया था। वो वहाँ से नेपाल गया था, फिर महराजगंज आकर उसने धारदार हथियार खरीदा। वो मुंबई, जामनगर, कोयंबटूर, नेपाल और लुंबनी गया था। उसके बाद से मिले साहित्य उर्दू में हैं। दिल्ली से मुंबई का एक एयर टिकट भी मिला है।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसकी रिमांड मंजूर करते हुए पुलिस से उसे प्रताड़ित न करने को कहा। मानवाधिकार आयोगों के दिशानिर्देशों के पालन करने और उसके अधिवक्ता को भी कुछ दूरी पर मौजूद रखने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ घटनास्थल का मुआयना किया, बल्कि घायल जवानों से भी अस्पताल में मुलाकात की। ATS ने इस हमले का पूरा नक्शा तैयार किया है। सीएम योगी ने मंदिर की सुरक्षा को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

उन्होंने कहा कि ये देश-दुनिया में करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है, ऐसे में यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घटना की जाँच हो और किसी भी श्रद्धालु को खतरा भी न हो। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि सजगता से ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकती हैं। मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर जाकर उन्होंने घायल जवानों से मुलाकात की। महराजगंज से जिन दो लोगों को उठाया गया है, उन्होंने ही अहमद मुर्तजा अब्बासी को बाइक से गोरखनाथ मंदिर तक छोड़ा था।

आधा दर्जन लोग गोरखपुर पुलिस की भी हिरासत में हैं। इन सभी से पूछताछ चल रही है। नेपाल सीमा पर उसके बाँकी खरीदने की बात सामने आ रही है। उसके अब्बा का दावा है कि 2 अप्रैल, 2022 को ही ATS की टीम उनके यहाँ पहुँची थी। पार्क रोड स्थित उसके आवास से उसके अब्बू-अम्मी, दो चाचा और ड्राइवर से पूछताछ की गई। फिर उनको घर भेज दिया गया। जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, पता चलता जा रहा है कि वो सनकी नहीं, बल्कि शातिर है।

10 मार्च को ही उसने नया महँगा लैपटॉप भी खरीदा था। उसके अब्बा का कहना है कि पुराना लैपटॉप खराब होने पर उन्होंने ही उसे नए लैपटॉप के लिए एक लाख रुपए की रकम दी थी। अप्रैल 2018 में गाजीपुर की लड़की से हुआ निकाह टूटने के बाद वो दूसरे निकाह की तैयारी में भी था। जौनपुर के किसी परिवार से इस बाबत बात चल रही थी। उसके अब्बा मुनीर अहमद अब्बासी ने 1985 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से LLB कर गोरखोर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस की थी।

मन न लगने पर वो गोरखपुर के ही सेंट्रल बैंक में एडवाइजर बने। फिर बड़ौदा में स्थित एक बैंक में काम किया। फिर नवीं मुंबई में एक फ़्लैट लेकर वो रहने लगे। अहमद मुर्तजा अब्बासी के पास से मिले साहित्य के अनुवाद के लिए उर्दू के जानकारों को बुलाया गया है। एप्पल कंपनी के मैकबुक का इस्तेमाल कर वो जिहाद सीख रहा था। उसके अब्बा का कहना है कि 36 लाख रुपए के बकाए का नोटिस लेकर पुलिस उनके घर आई थी, फिर वो कैसे हापर हो गया और मंदिर के पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया – इसका उन्हें पता नहीं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -