प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड का आरोपित गुड्डू मुस्लिम हत्या के बाद से फरार है। हत्याकांड के सीसीटीवी में वह बम फेंकता नजर आया था। हालाँकि अब ऐसा कहा जा रहा है कि गुड्डू मुस्लिम गोली नहीं बल्कि बम फेंककर ही हत्या करता था। उमेश पाल हत्याकांड से पहले भी कई हत्याओं में उसका नाम आ चुका है। शुक्रवार (3 मार्च 2023) को गुड्डू मुस्लिम के घर पर बुलडोजर चलने की भी खबर है।
बीते दो दशक से अतीक अहमद के इशारे पर काम करने वाला गुड्डू मुस्लिम बम बनाने में बेहद एक्सपर्ट है। वह चलती हुई बाइक में भी बम बनाने में माहिर है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा है कि गुड्डू मुस्लिम बहुत जल्दी बम बना लेता है। उसे बम बनाने में 4-5 मिनट का ही समय लगता है। वह बम बनाने के लिए कच्चा माल, कीलें, बारूद, छड़ और सुतली समेत अन्य जरूरी सामान अलग-अलग पैकेट में लेकर जाता था। इससे पुलिस की पकड़ से भी बचा रहता था। जब उसे किसी पर हमला करना होता था तो हमले के कुछ पहले ही चलते हुए वह बनाता था। इसके बाद टारगेट पर फेंककर वारदात को अंजाम देता था।
प्रयागराज के क्राइम ब्रांच में लंबे समय तक काम कर चुके एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि गुड्डू 90 के दशक की शुरुआत में बम बनाना सीख गया था। धीरे-धीरे उसने इसमें महारत हासिल कर ली। ऐसा कहा जाता है कि नेपाल के एक अंडरवर्ल्ड एक्सपर्ट से उसने बम बनाना सीखा था। इलाहाबाद में जन्मा गुड्डू मुस्लिम महज 15 साल की उम्र से लूट और जबरन वसूली जैसे अपराधों में शामिल हो गया था।
उत्तर प्रदेश की पहली स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के सदस्य रहे रिटायर्ड आईजी राजेश पांडेय का कहना है कि गुड्डू मुस्लिम का नाम सबसे पहले 7 मार्च 1997 को लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज के फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर फ्रेडरिक गोम्स की हत्या में सामने आया था।
उन्होंने आगे कहा है कि गुड्डू मुस्लिम फैजाबाद के एक हिस्ट्रीशीटर सत्येंद्र सिंह की गैंग का सदस्य था। सत्येंद्र को श्रीप्रकाश शुक्ला ने साल 1996-97 में AK47 की गोलियों से छलनी कर दिया था। इसके बाद श्रीप्रकाश शुक्ला को पकड़ने के लिए एसटीएफ का गठन किया गया था। इस दौरान श्रीप्रकाश के ठिकानों का पता लगाने के लिए गुड्डू मुस्लिम को भी गिरफ्तार किया गया था। वह श्रीप्रकाश का भी बेहद खास था।
एक अन्य अधिकारी का कहना है कि 90 के दशक के बीच में गुड्डू अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बना चुका था। श्रीप्रकाश शुक्ला समेत यूपी के तमाम माफियाओं से उसके अच्छे संबंध हो गए थे। लखनऊ में रहते हुए रेलवे मोबाइल टावर लगाने के सारे ठेके उसको ही मिलते थे।
लॉ मार्टिनियर कॉलेज के फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर फ्रेडरिक गोम्स की हत्या की बात भी उसने कबूल ली थी। हालाँकि इसके बाद उसको जमानत मिल गई। जेल से छूटते ही वह बिहार भाग गया। फिर गोरखपुर के माफिया परवेज टाडा के लिए बम बनाने का काम करता था। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में लगातार आगे बढ़ता गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस को लंबे समय से गुड्डू की तलाश थी। वह बिहार में कई खौफनाक वारदातों को अंजाम दे रहा था। इस दौरान उसने लूट पाट की कई घटनाओं को अंजाम दिया। वह परवेज टाडा के कहने पर अपराधों को अंजाम देने वह गोरखपुर भी जाता था। 2001 में पुलिस ने उसे गोरखपुर से गिरफ्तार भी किया था। विधायक राजू पाल हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था। इस मामले में साल 2019 में सीबीआई ने उसके खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी।
गुड्डू मुस्लिम के घर चलेगा योगी सरकार का बुलडोजर
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार माफियाओं को मिट्टी में मिलाने के अभियान में जुटी है। उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े सभी आरोपितों के खिलाफ प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश हैं। इसी कड़ी में प्रशासन आरोपितों के घरों और ठिकानों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। ऐसी खबर है कि शुक्रवार (3 मार्च 2023) को अतीक अहमद के गुर्गे गुड्डू मुस्लिम के प्रयागराज स्थित घर में भी बुलडोजर चल सकता है। इससे पहले, खालिद जफर और सफदर अली के घर पर बुलडोजर चल चुका है।