गुजरात पुलिस ने गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत एक हिंदू महिला को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात सरकार द्वारा कानून पारित किए जाने के बाद से गुजरात पुलिस द्वारा लव जिहाद विरोधी कानून के तहत यह तीसरा मामला दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 साल की एक महिला ने बुधवार (जून 23, 2021) को वडोदरा के फतेहगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पति मोहिब पठान पर जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि वह पहली बार 2018 में आरोपित से मिली थी, जब वह उसकी ट्यूशन कक्षाओं में जाती थी। पीड़िता ने बताया कि दोनों ने एक-दूसरे का फोन नंबर लिया और आपस में बातचीत करने लगे।
इसके अलावा, महिला ने कहा कि पठान ने उसे उससे शादी करने के लिए कहा और उसे आश्वासन दिया कि उसे उसके धर्म का पालन करने की अनुमति दी जाएगी। इस जोड़े ने अगस्त 2020 में शादी का पंजीकरण कराया था, जिसके बाद वह पठान के साथ उसके घर पर रहती थी।
महिला ने अपनी शिकायत में पठान पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया और मना करने पर उसकी पिटाई की। पुलिस ने बताया कि शादी के एक महीने बाद पठान ने उसे अपना नाम बदलने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया। बाद में, पठान ने एक काजी को बुलाया और इस्लाम के अनुसार निकाह की रस्में निभाईं।
हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ फेंक दीं
पीड़ित महिला ने यह भी आरोप लगाया कि पठान ने उसे उसके धर्म के अनुसार पूजा करने की अनुमति नहीं दी और उसके द्वारा लाई गई देवी-देवताओं की मूर्तियों को फेंक दिया। महिला ने शिकायत में पठान के पिता इम्तियाज पठान और बड़े भाई मोहसिन पठान का भी नाम लिया है।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि जब वह घर पर अकेली थी तो उसके बड़े भाई मोहसिन ने उससे छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी। महिला ने कहा कि जब उसने इसके बारे में बताया तो उसने इसका कोई विरोध नहीं किया। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि पठान ने बच्चे का नाम शिव रखने के बाद उसकी पिटाई की थी। बुधवार को पठान फिर से हिंसक हो गया और महिला ने घर छोड़ कर पुलिस से संपर्क किया।
शिकायत के बाद पुलिस ने मामले के तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। वडोदरा पुलिस ने कहा कि वे यह जानने के लिए जाँच कर रहे हैं कि घटना में कोई और शामिल तो नहीं है। एसीपी परेश भेसनिया ने कहा कि आरोपितों पर आईपीसी की धारा 354, 498-ए और 377 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गुजरात सरकार ने हाल ही में विधानसभा में गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2021 पारित किया था, जिसमें “विवाह द्वारा जबरन धर्मांतरण” पर रोक लगाई गई थी। यह अधिनियम गुजरात विधानसभा के हाल ही में समाप्त हुए बजट सत्र में पारित किया गया था और राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा अनुमोदित किया गया था।
नए कानून के तहत दो और मामले
गुजरात पुलिस पहले ही कानून के लव जिहाद को खत्म करने के लिए दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार कर चुकी है। 19 जून को, गुजरात पुलिस ने संशोधित अधिनियम के तहत पहला मामला दर्ज किया और वडोदरा के तरसाली इलाके में एक परिवार के पाँच लोगों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले में एक मुस्लिम युवक ने ईसाई बनकर महिला को प्रेम जाल में फँसाया और फिर उसके साथ दुष्कर्म कर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींच लीं। बाद में इन्हीं तस्वीरों के जरिए उसने जबरन निकाह किया और उसका गर्भपात करवाता रहा।
एक अन्य मामले में, इमरान अंसारी नाम के एक 23 वर्षीय व्यक्ति को गुजरात पुलिस ने 19 वर्षीय जैन लड़की के अपहरण और बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपित ने पीड़िता के साथ ‘रोमांटिक संबंध’ बनाकर उसे बहकाया। पश्चिम बंगाल के रहने वाले अंसारी ने कथित तौर पर 10 जून को लड़की का अपहरण कर लिया था।
पीड़िता के घर से लापता होने के बाद मामला सामने आया था। इसके बाद लड़की के परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और उसके लापता होने के पीछे अंसारी का नाम लिया। आरोपित पहले पीड़िता को राजस्थान के अजमेर और बाद में मध्य प्रदेश ले गया। आरोपित ने पीड़िता का यौन शोषण भी किया था।