गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर 2022 को हुए पुल हादसे में एक नया खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक ओरेवा नाम की कम्पनी ने पुल की मरम्मत के लिए मिले 2 करोड़ रुपए में से महज 12 लाख रुपए ही ख़र्च किए थे। दावा यह भी किया जा रहा है कि ओरेवा द्वारा नियुक्त ठेकेदार भी अयोग्य था और उसको कई तकनीकी जानकारियों का आभाव था। कहा जा रहा है कि पुल के नवीनीकरण के नाम पर महज ग्रीसिंग और पेंटिंग कर दी गई थी बाकी तमाम पुराने पुर्जों से ही काम चला दिया गया था।
टाइम्स ग्रुप के मुताबिक ओरेवा कम्पनी द्वारा पुल के मरम्मत के लिए मिले पैसे का सिर्फ 6% ही प्रयोग किया गया। दावा है कि ओरेवा कम्पनी ने पुल की मरम्मत के लिए देव प्रकाश सल्यूशन नाम के सहायक कम्पनी को ठेका दिया था। इस से मिले कागजातों से साबित होता है कि इस कम्पनी को पैसे दिए गए थे। बताया जा रहा है कि 24 अक्टूबर 2022 को ओरेवा कम्पनी के चेयरमैन जयसुख पटेल ने दावा किया था कि पुल पूरी तरह से सुरक्षित है और आम लोगों के लिए तैयार है। इसके लिए उन्होंने 6 माह तक पुल की मरम्मत करने का दावा किया था।
दावा किया जा रहा है कि पुल को आम लोगों के लिए खोले जाने से पहले ओरेवा कम्पनी द्वारा कोई तकनीकी परीक्षण नहीं करवाया गया था। कहा जा रहा है परीक्षण के नाम पर ओरेवा ग्रुप के चेयरमैन ने 24 अक्टूबर 2022 को बस एक बार अपने प्रतिनिधियों के साथ पुल को पैदल पार किया था। मोरबी नगर पालिका से ओरेवा कम्पनी का पुल के रखरखाव का 15 साल के लिए कॉन्ट्रक्ट साईन हुआ था।
गौरतलब है कि 28 अक्टूबर 2022 को मोरबी में पुल हादसे में लगबाह्ग 135 लोगों की जान चली गई थी। इस हादसे में कई अन्य घायल और लापता भी हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घायलों से अस्पताल में मुलाकात की थी। सरकार द्वारा मृतकों और घायलों के परिवार वालों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई गई है। इस घटना में नगर पालिका के चीफ ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि ओरेवा कम्पनी से जुड़े 9 लोग हिरासत में लिए गए हैं।