गुजरात के अहमदाबाद में स्थित गुजरात यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन 7 पूर्व छात्रों को हॉस्टल से जाने के लिए कहा है, जो हॉस्टल में अवैध तरीके से जमे हुए थे। इनकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है, लेकिन किसी न किसी बहाने से ये हॉस्टल में जमे थे। अब उन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है। ये वही यूनिवर्सिटी है, जहाँ नमाज को लेकर भारतीय और विदेशी छात्रों में लड़ाई हो गई है, इसके बाद सभी विदेशी छात्रों को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया था।
गुजरात यूनिवर्सिटी ने एनआरआई हॉस्टल में हुए नमाज विवाद के बाद सख्त कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने 7 अफगानी छात्रों को निष्कासित कर दिया है। ये छात्र यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में अवैध रूप से रह रहे थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बावजूद वो बहाने से हॉस्टल में रह रहे थे। गुजरात यूनिवर्सिटी ने पूर्व छात्रों के लिए नोटिस जारी किया, उसमें से 5 ने हॉस्टल छोड़ भी दिया है।
इस समय गुजरात यूनिवर्सिटी में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लगभग 100 से अधिक विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें अफगानिस्तान के 7 पूर्व छात्र हॉस्टल में पढ़ाई पूरी होने के बाद भी रुके थे। ऐसा करना नियमों के खिलाफ था, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने ये कदम उठाया। इसकी सूचना अफगानिस्तान के वाणिज्य दूतावास को भी दी गई थी।
गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. निरजा गुप्ता के मुताबिक , अफगानिस्तान के 7 छात्र पूर्व छात्रों की श्रेणी में आए। वे किसी न किसी कारण से हॉस्टल में रह रहे थे। अब इन छात्रों को हॉस्टल में छात्र बनकर न रहकर अपने देश लौटने की व्यवस्था की गई है। कुलपति ने यह भी कहा है कि इन सात छात्रों में से 5 पहले ही कैंपस छोड़ चुके हैं, जबकि बाकी दो से भी नियमों का पालन करने की उम्मीद की जाती है।
परिसर में नमाज पढ़ने को लेकर हुआ था विवाद
बता दें कि 16 मार्च को यूनिवर्सिटी हॉस्टल के ए ब्लॉक में सार्वजनिक तौर पर नमाज पढ़ने को लेकर विदेशी छात्रों और स्थानीय छात्रों के बीच मारपीट हो गई थी। यहाँ विदेशी मुस्लिम छात्र सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ रहे थे तो एक स्थानीय हिंदू छात्र ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन एक विदेशी छात्र ने स्थानीय छात्र पर हमला कर दिया। इस घटना के बाद मामला बिगड़ गया और जवाब में स्थानीय छात्रों ने भी विदेशी छात्रों के साथ मारपीट की।
इस घटना के बाद विदेश मंत्रालय भी हरकत में आ गया था, तो अफगानिस्तान और गाम्बिया के प्रतिनिधिमंडल ने यूनिवर्सिटी का दौरा किया था। इस घटना के बाद विदेशी छात्रों को नए हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया था और अब उनमें से 7 को यूनिवर्सिटी से जाने को कहा गया है, क्योंकि वो नियमों के खिलाफ यूनिवर्सिटी कैंपस में रह रहे थे।