गुजरात की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पत्नी की हत्या कर उसके शव को जलाने के आरोप में रविवार (25 जुलाई 2021) को वडोदरा ग्रामीण स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के पुलिस इंस्पेक्टर अजय देसाई को गिरफ्तार किया। आरोपित पुलिस अधिकारी की सहायता करने के आरोप में कॉन्ग्रेस नेता किरीट सिंह जडेजा को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार कॉन्ग्रेस नेता ने पिछले साल 2020 में कर्जन विधानसभा क्षेत्र से कॉन्ग्रेस की टिकट पर उपचुनाव लड़ा था, लेकिन वो हार गए थे।
मामला करीब डेढ़ महीने पुराना है। वडोदरा के कर्जन में आरोपित पुलिस अधिकारी ने 4-5 जून की रात को अपनी लिव इन पाटर्नर स्वीटी पटेल के साथ झगड़े के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों के बीच झगड़ा देसाई की शादी को लेकर हुआ था। जिस वक्त आरोपित इंस्पेक्टर ने स्वीटी की गला दबाकर उसकी हत्या की उस दौरान बेड पर उन दोनों के अलावा उनका दो साल का बेटा भी था। हत्या के बाद उसके शव को आरोपित ने कंबल में लपेटा और सुबह होने की प्रतीक्षा करने लगा।
इसके बाद उसने अपनी कमांडो जीप बाहर निकाली और उसमें शव को डालकर अपने साले को फोनकर बताया कि झगड़े के बाद स्वीटी कहीं गायब हो गई है और वो आकर बच्चे को सँभाले। साले के आने के बाद वो अपनी जीप लेकर भरूच जिले के दहेज हाईवे पर स्थित अटाली गाँव गया। वहाँ उसने कॉन्ग्रेस नेता के निर्माणाधीन होटल में स्वीटी के शव को जला दिया।
इस मामले में करजन थाने में देसाई और जडेजा के खिलाफ हत्या औऱ सबूत मिटाने जैसी कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। दोनों के खिलाफ अहमदाबाद क्राइम ब्रांच जाँच कर रही है, जिसमें एटीएस उसकी मदद कर रही है। हालाँकि, पुलिस का कहना है कि जडेजा हत्या में साथ तो नहीं था, लेकिन उसे सब पता था औऱ उसने अपनी जमीन उपलब्ध कराई थी। इस बात की जानकारी क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर डीबी बराड ने दी है। एक सप्ताह पहले ही मामले की जाँच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी।
कथित तौर पर जडेजा ने स्वीटी की हत्या किए जाने के संबंध में जानकारी से इनकार किया है। अहमदाबाद के डीसीपी चैतन्य मांडलिक के मुताबिक देसाई के गुरुवार को नार्को टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अधिकारियों ने उसे अपना जुर्म कबूलने की सलाह दी। मांडलिक ने कहा, “वह एक पुलिस अधिकारी है। वह जानता था कि इसका पता लगाया जाएगा। सारे सबूत उसकी ओर ही इशारा कर रहे थे। लेकिन उसे गिरफ्तार करने से पहले हम सुनिश्चित करना चाहते थे, ताकि कोई गलतफहमी न हो। हमने उसे बैठाया और समझाया कि जो हुआ है उसका सामना तो उसे करना ही पड़ेगा। उसने सहयोग किया और हमें ज्यादा पूछताछ नहीं करनी पड़ी।”