बलात्कार और हत्या के मामले में जेल की सज़ा काट रहा ‘डेरा सच्चा सौदा’ का मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह पैरोल पर बाहर निकल सकता है। वो फ़िलहाल हरियाणा के रोहतक जेल में बंद है। पंजाब में अगले दो सप्ताह में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, ऐसे में उसके बाहर आने से राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है। बताया जाता है कि पंजाब के 23 जिलों में 300 बड़े डेरे हैं, जो चुनावों को प्रभावित करते रहे हैं। माझा, मालवा और दोआब में इन डेरों का खास वर्चस्व है।
बता दें कि ‘डेरा सच्चा सौदा’ हरियाणा के सिरसा में स्थित है। पंजाब के मालवा क्षेत्र की 69 सीटों पर इसका प्रभाव बताया जाता है। सुनारिया जेल के बाहर गुरमीत राम रहीम सिंह की रिहाई को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है। उसने 21 दिन के ‘फर्लो’ (पैरोल) का आवेदन दिया था, जिसे हरियाणा के जेल विभाग ने मंजूर कर लिया है। रोहतक के कमिश्नर के हस्ताक्षर के बाद उसे बाहर लाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सिरसा डेरे को भी इसकी जानकारी मिल गई है।
इसके बाद वहाँ मौजूद उसके भक्त भी जश्न मना रहे हैं। वहाँ से एक काफिला रोहतक के सुनारिया जेल के लिए भी निकला है, जो गुरमीत राम रहीम सिंह को वापस लेकर आएगा। उस पर दो साध्वियों के बलात्कार के अलावा दो हत्याओं के मामले में भी सज़ा हो चुकी है। हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने हाल ही में पैरोल को हर कैदी का हक़ बताया था। उसे इस शर्त पर पैरोल मिली है कि वो लगातार पुलिस की निगरानी में रहेगा और डेरा में ही अधिकतर समय व्यतीत करेगा।
गुरमीत राम रहीम को हरियाणा सरकार ने 21 दिन की फरलो दे दी है
— AajTak (@aajtak) February 7, 2022
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बता दें कि 1948 में शाह मस्ताना ने ‘डेरा’ की स्थापना की थी। इसके बाद 1960 में शाह सतनाम को इसका प्रमुख बताया गया। गुरमीत राम रहीम सिंह जब 1990 में इसकी गद्दी पर बैठा था, तब उसकी उम्र महज 23 वर्ष ही थी। 2006-07 में उसने डेरा के राजनीतिक मोर्चे का भी गठन किया। इसमें उसने अपने विश्वासपात्र लोगों को डाला। हर राज्य की 45 सदस्यों वाली कोर कमिटी भी गठित की गई। पंजाब का प्रभावशाली बादल परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी उसके दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं।