वाराणसी में ज्ञानवापी विवादित ढाँचे मामले में मंगलवार (24 मई, 2022) को कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश रोकने और उसे हिन्दुओं को सौंपने की माँग की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहाँ कहा जा रहा है कि सीनियर डिवीजन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। जिस पर सुनवाई कल बुधवार (25 मई, 2022) को होगी।
रिपोर्ट के अनुसार याचिका में तीन प्रमुख माँगे रखी गई हैं। जिसे विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह ने भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के नाम से दाखिल की है। वहीं इस मामले में याचिकाकर्ता किरण सिंह के पति जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा, “कोर्ट ने हमारा प्रार्थना पत्र मुकदमे के तौर पर स्वीकार कर लिया है। हमारे वाद पर विपक्षियों को नोटिस जारी करने का आदेश कोर्ट ने दिया है। हमारी जो विशेष और तात्कालिक माँग थी कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान की पूजा-पाठ का आदेश दिया जाए। उस माँग पर सुनवाई के लिए 25 मई की तारीख तय की गई है।”
बता दें कि किरण सिंह, सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी हैं। वहीं भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के इस मुकदमे के माध्यम से तीन माँगे कोर्ट के सामने रखी गई हैं।
- ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित हो।
- ज्ञानवापी का पूरा परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए।
- भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग, जो अब सबके सामने प्रकट हो चुके हैं, उनकी पूजा शुरू करने की इजाजत दी जाए।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे को कोर्ट में ले जाने वाली पहले भी पाँच महिलाएँ ही हैं। उनकी याचिका किरण सिंह की याचिका से अलग है। पहले की पाँच महिलाओं ने मस्जिद परिसर में श्रृंगार-गौरी स्थल पर प्रार्थना की अनुमति माँगी है।
इनमें कोई ब्यूटी पार्लर चलाती है, कोई जनरल स्टोर चलाती है तो कोई गृहिणी है। कोर्ट में याचिका लगाने वाली महिलाओं में लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक वाराणसी में रहती हैं, जबकि पाँचवी और मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह दिल्ली में रहती हैं।