जिस भजन ‘हर-हर शंभू’ को गाकर मुस्लिम महिला फ़रमानी नाज़ (Farmani Naaz) इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आईं, उस गाने का वास्तविक गायक सामने आई हैं। इस भजन की मूल गायिक अभिलिप्सा पांडा और जीतू शर्मा हैं। ये दोनों ओडिशा की रहने वाली हैं।
दोनों ने इस गाने को दो महीने पहले गाया था। हालाँकि, गाना तब चर्चा में आया जब फरमानी ने इसे गाया और कट्टरपंथियों ने इसको लेकर फतवे जारी किए। इसके साथ ही अभिलिप्सा भी चर्चा में आ गई हैं। अभिलिप्सा 8 अलग-अलग भाषाओं में गाना गा सकती हैं।
अभिलिप्सा एक प्रशिक्षित गायिका हैं और वह बचपन से ही इसका अभ्यास कर रही हैं। संगीत उन्हें विरासत में मिला है। अभिलिप्सा की माँ, पिता से लेकर दादा और नानी तक संगीत और कला की दुनिया के जाने-माने चेहरे रहे हैं।
अभिलिप्सा की माँ क्लासिकल और ओडिया डांस में माहिर हैं। एक साक्षात्कार में अभिलिप्सा ने बताया, “कला और संगीत मुझे विरासत में मिली है। मेरे पैरेंट्स और ग्रैंड पैरेंट्स संगीत से जुड़े हैं।” अभिलिप्सा पांडा ने बताया कि उनके दादा पश्चिमी ओडिशा के प्रसिद्ध कथाकार रहे हैं। इसके साथ ही उनके पिता भी कला की दुनिया से जुड़े हैं।
गायिका बनने के अपने सफर को लेकर अभिलिप्सा पांडा ने बताया कि उनकी नानी अक्सर मंत्र गाना उन्हें सिखाती थीं। इससे उन्हें सुर को समझने में मदद मिली और जब वह मंत्रों को सुरों में गाना शुरू की तब परिजनों ने उनकी कला को सराहा और उसे बढ़ावा दिया।
संगीत को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बताने वाली अभिलिप्सा कहती हैं कि जो बातें वो सामने या प्रत्यक्ष रूप से नहीं कह पाती हैं, उसे संगीत के माध्यम से वह कहने की कोशिश करती हैं। अभिलिप्सा बॉलीवुड की प्रसिद्ध गायिका सुनिधि चौहान को वर्तमान दौर की गायिकाओं में सबसे अधिक पसंद करती हैं।
अभिलिप्सा पांडा ने बताया कि वो 4 साल की उम्र से संगीत सीख रही हैं। पहले वो ओडिसी क्लासिकल संगीत सीखती थीं, लेकिन कुछ कारणों से उसे जारी नहीं रख पाईं। इसके बाद साल 2015 में उन्होंने एक इंस्टीट्यूट से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली।
संगीत के अलावा अभिलिप्सा पांडा डांसिंग और कराटे को भी बहुत पसंद करती हैं। कराटे में वह राष्ट्रीय स्तर की स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और उनके पास ब्लैक बेल्ट है।