गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या की मार्च 2003 में उनकी हत्या के लिए 10 लोगों को दोषी ठहराए जाने के ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज (21 नवंबर) अपना फ़ैसला सुनाया।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने पाँच जुलाई के अपने फ़ैसले के ख़िलाफ़ 12 में से 10 दोषियों की पुनर्विचार याचिकाएँ निरस्त कर दी। पीठ ने अपने फ़ैसले में कहा, “हमने पुनर्विचार याचिकाओं को देखा और हम मानते हैं कि जिस आदेश की समीक्षा की अपील की गई थी, उसमें किसी तरह की ग़लती नहीं है जिसके लिए पुनर्विचार किया जाए। इसलिए पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की जाती है।”
Haren Pandya murder case: Supreme Court has dismissed review petitions filed against its July 5 judgement by which it had upheld the conviction of an accused in former Gujarat Home Minister Haren Pandya murder case in 2003. pic.twitter.com/CbrjJzgJDf
— ANI (@ANI) November 21, 2019
दरअसल, वर्ष 2003 के हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को पलटते हुए आरोपितों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने साल 2003 के हरेन पांड्या हत्याकांड के सभी 12 आरोपितों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया था। गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार के समय तत्कालीन गृह मंत्री हरेन पांड्या की 26 मार्च 2003 को अहमदाबाद के लॉ गार्डन इलाके में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे सुबह की सैर कर रहे थे। इस हत्या का आरोप 12 लोगों पर था।
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई में कहा था कि सीबीआई की जाँच की दिशा स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा यह भी कहा था कि जाँच के दौरान कुछ तथ्यों की अनदेखी की गई और बहुत कुछ छूट गया। हाईकोर्ट में मामला जाने से पहले सेशन कोर्ट ने आरोपितों को हत्या करने और आपराधिक साज़िश रचने का दोषी माना था।
ग़ौरतलब है कि हरेन पांड्या की हत्या उस वक्त हुई थी गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार थी। उस समय आतंकवाद निरोधक क़ानून के तहत विशेष पोटा कोर्ट ने सभी आरोपितों को दोषी ठहराते हुए उम्र क़ैद की सजा सुनाई थी। आरोपितों ने इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
वर्ष 2011 में 29 अगस्त को गुजरात हाईकोर्ट ने सत्र अदालत के फ़ैसले को पलट दिया और सभी आरोपितों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सीबीआई ने 2012 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था।
जानकारी के अनुसार, इस मर्डर केस में दोषी करार दिए गए 12 आरोपितों में से 10 ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इन 12 दोषियों में मोहम्मद रउफ़, कयूम शेख, परवेज़ ख़ान पठान उर्फ़ अतहर परवेज़, मोहम्मद परवेज़ अब्दुल, मोहम्मद फ़ारूक, शाहनवाज़ गाँधी, मोहम्मद सैफ़ुद्दीन, मोहम्मद यूनुस सरेसवाला, कलीम अहमदा, रेहान पुथवाला, अनीज़ माचिस वाला, मोहम्मद रियाज़ सरेसवाला शामिल हैं। CBI ने आरोप लगाया था कि ये सारे दोषी पाकिस्तान के ISI द्वारा ट्रेनिंग लेकर आए थे।
SC affirms conviction of accused in Haren Pandya murder case
— Arihant (@haryannvi) November 21, 2019
Md Asgar Ali, Kalim Ahmed, Anas Machiswala, Md Yunus Sareshwala, Rehan Puthawala, Md Riyaz, Md Parvez Sheikh, Parvez Khan Pathan, and Md Faruq.
And they tried to frame Modi even here.https://t.co/wek2NqExpl