हाथरस मामले में आरोपितों के वकील एपी सिंह ने पीड़ित परिवार पर बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे ‘ऑनर किलिंग’ का मामला बताते हुए कहा कि पीड़िता को उसके भाई ने ही मारा है। साथ ही वकील एपी सिंह ने इस मामले का राजनीतिकरण करने के भी आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के एक सप्ताह बाद जब नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की, उसके बाद ही बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।
वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने आरोपितों के परिजनों से बातचीत की है और साथ ही कहा कि अब तक मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की कोई पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निर्भया मामले के दो वकील एक बार फिर से आमने-सामने हो सकते हैं। निर्भया के दोषियों के खिलाफ पैरवी करने वाली वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा ने हाथरस पीड़िता का केस लड़ने का ऐलान किया है।
एपी सिंह ने बताया कि आरोपितों के वकील के अलावा भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री मानवेंद्र सिंह ने भी उनसे सपर्क कर के इस मामले में आरोपितों की तरफ से केस लड़ने को कहा है। मानवेन्द्र सिंह ने कहा है कि उनका संगठन वकील की फीस भरने के लिए धन इकठ्ठा करेगा। उन्होंने एससी-एसटी एक्ट के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि सवर्ण समाज को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है, जिससे राजपूत समाज आहत हुआ है।
वहीं पीड़ित परिवार की तरफ से सीमा समृद्धि कुशवाहा ने वकालतनामे पर हस्ताक्षर भी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर के इस मामले की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने की माँग करेंगी। उन्होंने कहा कि वो हाथरस की बेटी को न्याय दिलाएँगी और दोषियों को सज़ा मिलेगी लेकिन ये तब तक संभव नहीं हो पाएगा, जब तक मामला उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं जाता।
A small news in today’s Jagran which might explain the whole case in coming days. Whatever the reasons for her killing, it is tragic that a 19 year old’s life was snuffed out because of our social cultural milieu pic.twitter.com/Oi3cg760BM
— Vikas Saraswat (@VikasSaraswat) October 3, 2020
उधर हाथरस मामले की जाँच कर रही SIT को इस मामले में रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया है। इससे पहले बुधवार (अक्टूबर 7, 2020) को ही रिपोर्ट सौंपी जानी थी।गृह सचिव भगवान स्वरूप इस SIT की अगुवाई कर रहे हैं। SIT ने गाँव में जाकर इस मामले की पूरी छानबीन की है। इस मामले में यूपी सरकार सीबीआई जाँच की सिफारिश भी कर चुकी है। SIT ने चश्मदीदों के साथ क्राइम सीन क रिक्रिएट भी किया था।
भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने हाथरस पीड़िता के भाई से पूछताछ की माँग की है। उन्होंने कहा है कि आरोपित और पीड़ित परिवार के बीच कई फोन कॉल हुए। अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच लड़की के भाई के नाम से रजिस्टर्ड फोन नंबर से 100 से अधिक फोन कॉल किए गए थे। 19 वर्षीय पीड़िता का भाई कथित तौर पर आरोपित के संपर्क में था। अमित मालवीय ने कहा कि यह मामला आपसी रंजिश का परिणाम हो सकता है।