झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) की मुश्किलें कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है। हजारीबाग में सरस्वती पूजा के दिन मूर्ति विसर्जन के दौरान मॉब लिंचिंग के शिकार हुए रूपेश पांडेय के मामले की जाँच अब सीबीआई (CBI) करेगी।
दरअसल, रूपेश की माँ उर्मिला पांडेय ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जाँच की माँग की थी। मृतक की माँ ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार में पुलिस पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उसे बचाने का प्रयास कर रही है।
बता दें कि 6 फरवरी 2022 को हजारीबाग में हिंदू बच्चे सरस्वती पूजा के बाद प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए जा रहे थे। बरही थाना के नईटांड गाँव में लखना दूलमाहा इमामबाड़ा के पास मुस्लिम युवकों ने विसर्जन करने जा रहे लड़कों को रोक लिया। इसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। मुस्लिम युवक रूपेश कुमार को तब तक पीटते रहे, जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। बेहोशी की हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने कुछ दुकानों में आग भी लगा दी थी, जिसके बाद पुलिस को उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी थी। इस मामले में 7 नामजद सहित 100 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है।
मृतक के चाचा अनिल ने बताया था कि रूपेश शाम के 5 बजे दुकान पर बैठा था, तभी उसके कुछ दोस्तों ने उसे सरस्वती पूजा विसर्जन में शामिल होने के लिए बुलाया। ये घटना 5 फरवरी, 2022 (रविवार) की है। चाचा ने बताया है कि असलम अंसारी उर्फ़ पप्पू मियाँ के नेतृत्व में मौजूद मुस्लिम भीड़ ने उनके भतीजे को पकड़ कर पीटा।
इस मामले में आरोपित हैं– असलम अंसारी, मोहम्मद नौशाद, मोहम्मद कैफ, मोहम्मद गुफरान, मोहम्मद चाँद, मोहम्मद ओसामा, मोहम्मद एहताम, मोहम्मद जाहिद, मोहम्मद सोनू, मोहम्मद फैसल, मोहम्मद शाहबाज, रब्बानी मियाँ, मोहम्मद आशिक, मोहम्मद जाशिद, मोहम्मद आशिक, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद इरफ़ान, मोहम्मद सलमान उर्फ़ भाले, मोहम्मद छोटे, मोहम्मद इस्तेखार, मोहम्मद इकबाल, मोहम्मद हसन, मोहम्मद अनीस और मोहम्मद नौशाद।
प्राथमिकी में बताया गया है कि मॉब लिंचिंग में कई महिलाएँ भी शामिल थीं। प्राथमिकी में लिखा है, “भीड़ ने मेरे भतीजे के सीने पर चढ़ कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। वहाँ मौजूद कुछ लोगों ने देखा कि भीड़ मेरे भतीजे की छाती पर चढ़ कर उसे लगातार पीट रहे थे। वहाँ से उसे अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया। ये एक मॉब लिंचिंग है, जिसमें समुदाय विशेष ने हत्या की है। इस घटना में शामिल सभी अज्ञात और नामजद लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।”
ऑपइंडिया को मिले रुपेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर गौरव शर्मा ने कहा कि चोट की वजह से खून के थक्के जम गए और इंटरनल ऑर्गन फेल हो गए थे। आँख, कान, छाती, पेट, पैर सहित पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। मजबूत और भारी सामान से हमला किया गया था। धारदार हथियार से हमला हुआ। गला दबाने की कोशिश की गई। कान, गले और छाती के निचले हिस्से में घाव थे।
हालाँकि, बाद में मृतक रुपेश के परिजनों ने मीडिया रिपोर्ट में चल रही सरस्वती प्रतिमा विसर्जन में हत्या की बात को नकार दिया था। उनका कहना था, “फोन करके उनको (आरोपितों को) बुलाया गया। मोहम्मडन का लड़का फोन से बुलाया। गाड़ी से बैठा कर जबरदस्ती ले गए उसको (रूपेश को)। ये जो मूर्ति वाली बात झूठ-मूठ के दे रहे हैं कि ये सब मूर्ति विसर्जन में हुआ है, ये सब कुछ नहीं है। ये गलत खबर है। वो मोबाइल की दुकान पर काम कर रहा था।”