जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारेबाज़ी के मामले में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के सदस्यों के ख़िलाफ़ दायर की गई दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर होने वाली सुनवाई एक बार फिर 28 फ़रवरी तक के लिए टल गई है। इस दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली सरकार की लेट-लतीफ़ी पर फटकार लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है।
दिल्ली सरकार पिछले कुछ समय से दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र पर ज़रूरी सरकारी अनुमति नहीं दे रही थी। जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए केजरीवाल सरकार को कहा कि वह फ़ाइल पर बैठ नहीं सकती है। अदालत ने कहा कि सरकार के कहने पर दिल्ली के अधिकारी अनिश्चितकाल तक फ़ाइल अटका कर नहीं रख सकते। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि मुक़दमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द मंजूरी देने को कहें।
अदालत ने कन्हैया कुमार एवं अन्य पर मुक़दमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी हासिल करने के लिए 28 फ़रवरी तक का समय दिया है। इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वो इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें।
कोर्ट में सुनवाई टलने के बाद जेएनयू नारेबाजी विवाद में कन्हैया कुमार और उनके साथियों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला चलेगा या नहीं इसे लेकर सस्पेंस लगातार बरकरार है। इसे लेकर अड़चने साफ नहीं हो सकी क्योंकि मामले की सुनवाई आज भी टल गई।
बता दें, दिल्ली पुलिस ने कुछ दिनों पहले कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि कन्हैया कुमार ने जुलूस की अगुवाई की और जेएनयू परिसर में फ़रवरी 2016 में देश विरोधी नारे लगाए जाने का समर्थन किया था।
पुलिस ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य पर जेएनयू परिसर में संसद हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफ़जल गुरु को फाँसी दिए जाने की बरसी 9 फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप भी लगाया है।
बता दें, देश विरोधी नारेबाज़ी मामले में अन्य आरोपितों में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद के साथ आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसूल, बशीर भट, बशरत को भी आरोपी बनाया गया है।