Thursday, November 14, 2024
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लोगों को इकट्ठा कर सरकारी स्कूल का टीचर करवा रहा था ‘मसीहत की संगति’, हिन्दू कार्यकर्ताओं को देख अफरातफरी मची: पकड़े जाने पर बोला- धर्मान्तरण नहीं करवाया

फर्रुखाबाद जिले में ईसाई धर्मान्तरण के प्रयास का मामला सामने आया है। यहाँ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं ने एक शिक्षक सहित 3 लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया है। इन सभी पर आरोप है कि ये महिलाओं और बच्चों को बाइबिल पढ़ा रहे थे।

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में ईसाई धर्मान्तरण के प्रयास का मामला सामने आया है। यहाँ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं ने एक शिक्षक सहित 3 लोगों को पकड़ का पुलिस के हवाले किया है। इन सभी पर आरोप है कि ये महिलाओं और बच्चों को बाइबिल पढ़ा रहे थे। मौके से ईसाई धर्म के साहित्य भी मिलने का दावा किया जा रहा है। घटना रविवार (7 अप्रैल 2024) की है। पुलिस मामले की जाँच में जुटी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना फर्रुखाबाद जिले के थानाक्षेत्र मेरापुर की है। रविवार को यहाँ के क़ुरार गाँव में हिन्दू संगठनों को कुछ बाहरी और संदिग्ध लोगों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इस सूचना पर धर्म जागरण जिला प्रमुख दिनेश सिंह तोमर अपने कुछ सहयोगियों के साथ सुबह 11 बजे गाँव में पहुँचे। उन्होंने पाया कि एक घर में कई लोगों की मौजूदगी थी और वहाँ ढोलक पर संगीत का कार्यक्रम हो रहा था। हिन्दू संगठन के सदस्यों को देखते ही सभास्थल पर अफरातफरी मच गई।

दिनेश सिंह तोमर ने पुलिस में शिकायत देते हुए बताया है कि जिस घर में ढोलक पर संगीत बज रहा था वहाँ 12 महिलाएँ और 7 पुरुष बाहर से बुलाए गए थे। इनके साथ नाबालिग उम्र के कुछ बच्चे भी घर में मौजूद थे। आरोप है कि इन सभी को ईसाई बनाने की तैयारी थी। इन्हें बाइबिल पढ़ाई जा रही थी। मौके पर 2 बाइबिल और बैंकों के 3 चेक मिलने का दावा किया जा रहा है। इन चेकों पर किसी के दस्तखत नहीं थे। हिन्दू संगठन के सदस्यों से सभा में मौजूद लोगों की बहस होनी शुरू हो गई। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

जब हिन्दू संगठनों ने चल रहे कार्यक्रम के बारे में पूछा तो जवाब में इसे ‘मसीहत की संगति’ बताया गया। टीचर का नाम शिवप्रसाद बताया जा रहा है। वो मेरापुर के श्रीराम स्वरूप स्कूल में अध्यापक है। यह शिक्षक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले का निवासी है। हालाँकि पूछताछ में शिवप्रासद खुद को इलाहबाद का निवासी बताता दिख रहा है। ऑपइंडिया को मिले एक वीडियो में इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले शिवप्रसाद ने खुद पर लगे धर्मान्तरण के आरोपों से इंकार किया है।

शिव प्रसाद ने कहा कि उनकी पत्नी काफी बीमार थी तब लोगों ने उन्हें ईसाईयत के कार्यक्रमों में जाने की सलाह दी थी। शिवप्रसाद ने अपने पास ब्लैंक चेक मिलने की बात कबूल की है लेकिन इसे उन्होंने अपने निजी खर्चे के लिए बताया। अंत में शिवप्रसाद ने अपनी गलती की क्षमा भी माँगी है। वह फिलहाल फर्रुखबाद के सराय इलाके में रह रहा है। ऑपइंडिया के पास पुलिस में दी गई तहरीर मौजूद है।

हिन्दू संगठन के सदस्यों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुँची। शिकायत में यह भी बताया गया है कि इलाके में झाड़फूंक के नाम पर लम्बे समय से गरीबों के धर्मान्तरण करवाए जा रहे हैं। इन लोगों पर क्षेत्र में अन्धविश्वास फैलाने का भी आरोप है। बाहरी बताए जा रहे 3 लोगों को हिरासत में ले लिया था जिन्हे फिलहाल छोड़ दिया गया है। अभी तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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