छत्तीसगढ़ के कवर्धा के जिस चौक पर मुस्लिम भीड़ ने भगवा ध्वज को उखाड़कर फेंकने के बाद उसे अपमानित किया था, वहाँ साधु संतों के नेतृत्व में शुक्रवार (10 दसंबर) को 108 फीट ऊँचा भगवा ध्वज फिर फहराया गया। इस दौरान 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, महंत और सभी शंकराचार्यों के प्रतिनिधि की मौजदूगी में रामजानकी मंदिर से 5100 कलशों के साथ विशाल धार्मिक यात्रा निकाली गई। दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के नेतृत्व वाली इस पदयात्रा में 20 हजार से अधिक लोग शामिल थे। इस दौरान डीजे की धुन पर लोग ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते रहे।
A few months ago, they removed one Bhagwa flag from a pole and rioted against the Hindus in Kawardha, #Chhattisgarh.
— Shubhendu (@BBTheorist) December 11, 2021
Yesterday the Hindus of Kawardha took out a huge procession and installed a 108 feet Bhagwa flag in the centre of the city. #Kawardha shows ultimate Hindu unity! pic.twitter.com/8j3rzxGokD
इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “भगवा ध्वज हमारे गौरव और स्वाभिमान का ध्वज है। हमारे धर्म में आठ प्रकार के ध्वज का वर्णन किया गया है। कवर्धा में जो भगवा ध्वज फहराया गया है, उसका नाम विशाला ध्वज है। भगवा ध्वज का सम्मान सर्वोपरि है। कवर्धा के माथे पर लगाया गया यह भगवा ध्वज उल्लासपूर्वक फहराएगा।” अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिस भगवा झंडा के लिए दुर्गेश देवांगन को पीटा गया था, उन्हीं के हाथों भगवा ध्वज का आरोहण किया गया है। उन्होंने आगे कहा, “उन लोगों (मुस्लिमों) ने मात्र 15 फीट ऊँचे ध्वज के लिए लड़ाई की और हमने 108 फीट से भी ऊँचा ध्वज लगा दिए।” उन्होंने कवर्धा को छत्तीसगढ़ राज्य की धर्म राजधानी घोषित किया।
स्थापित किया गया था भगवा महावीरी ध्वज
इसके पहले हिंदू समाज ने उस स्थान पर भगवा महावीरी ध्वज स्थापित किया था। वहाँ हिन्दू युवाओं ने चढ़ कर फिर से भगवा रंग का ध्वज स्थापित किया, जिस पर भगवान हनुमान जी की तस्वीर भी बनी हुई है। हिन्दुओं ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जगह हासिल की।
इस दौरान हिन्दू संगठनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार का विरोध भी किया था। महावीरी भगवा ध्वज लेकर लोगों ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में ‘जय श्रीराम’ के नारों के साथ-साथ ‘भारत माता की जय’ और ‘वन्दे मातरम्’ जैसे राष्ट्रभक्ति नारे भी लगाए थे।
मुस्लिम भीड़ ने ‘हिन्दू ध्वज’ उखाड़ कर फेंका था
दरअसल, इसी साल अक्टूबर के शुरुआत में कवर्धा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि मुस्लिम भीड़ ने हिन्दू ध्वज को उखाड़ कर फेंक दिया और फिर उसका अपमान किया। इस हिन्दू व मुस्लिम समाज में झड़प भी हुई। जब हिन्दू ध्वज उखाड़ के फेंका जा रहा था और भीड़ उसका अपमान कर रही थी, तब वहाँ कुछ पुलिसकर्मी भी तमाशबीन बन कर खड़े थे।
इस घटना के बाद दोनों समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया था। एक स्थानीय पत्रकार ने बताया था कि पहले मौखिक रूप से झगड़ा शुरू हुआ, लेकिन बाद में पत्थरबाजी होने लगी। इसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
जिस जगह पर हिन्दुओं का ध्वज लगा हुआ था, वहाँ मुस्लिमों ने अपने आयोजन को लेकर अपना झंडा भी लगा दिया। फिर ध्वज फाड़ दिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी गई। दोनों पक्षों में तनाव इतना ज्यादा बढ़ गया था कि शहर में सभी शैक्षिक संस्थानों को बंद करना पड़ा था।