हैदराबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक कोरोना संक्रमित महिला ने आरोप लगाया है कि एक निजी अस्पताल ने उन्हें एक दिन के लिए 1.15 लाख रुपए का बिल थमा दिया। इतना भुगतान नहीं करने पर उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है।
आरोप लगाने वाली महिला खुद डॉक्टर हैं। वे फीवर हॉस्पिटल में बतौर सर्जन कार्यरत हैं। एक सेल्फी वीडियो में उन्होंने यह आरोप लगाए हैं। यह वीडियो वायरल हो रहा है।
वीडियो में उन्होंने दावा किया है कि उनका तरीके से उपचार नहीं किया गया और उन्हें डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है। वे कहती हैं, “कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद घर पर ही अपना इलाज कर रही थीं और होम क्वारंटाइन में थीं। 1 जुलाई को आधी रात सॉंस की समस्या के बाद वे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुईं।”
Doctor, who had tested #COVID19 positive, accuses private hospital in Hyderabad of overcharging and detaining her over non-payment of medical bill
— Press Trust of India (@PTI_News) July 5, 2020
वे कहती हैं, “मैं खुद कोरोना वारियर हूँ और ये लोग एक दिन के लिए मुझसे 1.15 लाख रुपए चार्ज कर रहे हैं। मैं डायबिटिक हूँ फिर भी मुझे यहाँ सही उपचार नहीं मिल रहा है। यह लोग मुझे पर झूठे आरोप भी लगा रहे हैं। मैं मुश्किल में हूँ, मैंने 40 हज़ार रुपए दिए हैं फिर भी इन्होंने मुझे बंद करके रखा है।” उन्होंने इस बाबत पुलिस से भी शिकायत भी दर्ज कराई है।
वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए फीवर हॉस्पिटल के मुखिया डॉक्टर के शंकर ने कहा, “उन्हें पहले ही बताया गया था कि सरकार ने कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाले फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स के लिए अलग से इंतजाम किए हैं। लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को दी बिना ही खुद को एक निजी अस्पताल में भर्ती करा लिया।”
उन्हें घटना की जानकारी तब हुई जब महिला का वीडियो एक स्थानीय समाचार चैनल पर दिखाया जा रहा था। इसके ठीक बाद उन्होंने वहाँ के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर से कहा कि वह जल्द अस्पताल जाकर भुगतान सम्बन्धी विवाद को खुद देखें और महिला को डिस्चार्ज कराएँ। अस्पताल पहुँच कर उन्हें पता चला कि महिला पहले डिस्चार्ज की जा चुकी हैं। फिलहाल आइसोलेशन में है और उनकी स्थिति सामान्य है। शंकर ने यह भी बताया कि वह ड्यूटी के दौरान कोरोना से प्रभावित नहीं हुई थीं।