दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के दौरान आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा की हत्या मामले में चार्जशीट दायर कर दी है। बताया गया है कि अंकित शर्मा के शरीर पर जख्म के 51 निशान थे। पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में दायर की गई 650 पेज की चार्जशीट में कहा है कि अंकित शर्मा की हत्या में आम आदमी पार्टी के (अब निलंबित) पार्षद ताहिर हुसैन का हाथ है। ताहिर हुसैन AAP नेता संजय सिंह का करीबी बताया जाता है।
चार्जशीट में कहा गया है कि अंकित शर्मा की हत्या चाँदबाग़ में 10 लोगों ने मिल कर की थी। इनमें ताहिर हुसैन के साथ-साथ हलील सलमान और समीर नामक आरोपित भी शामिल हैं। नाजिम और कासिम नाम के दो कुख्यात अपराधी भी इस जघन्य हत्याकांड में शामिल थे। चार्जशीट में कुचल 96 गवाहों के बयान पेश किए गए हैं। बता दें कि इसी तरह का दो अन्य चार्जशीट दिल्ली दंगों के मामले में पेश किया जा चुका है।
ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड बताया गया है, जिसने करोड़ों की फंडिंग कर के दंगे भड़काए। वहीं अंकित शर्मा हत्याकांड मामले में सलमान को मुख्य आरोपित बनाया गया है, जिसके मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग को पुलिस की स्पेशल सेल ने इंटरसेप्ट किया था। इसके बाद कई अहम जानकारियाँ हाथ लगी थीं। अंकित शर्मा हत्याकांड के सारे आरोपित फिलहाल जेल में हैं। दंगे भड़काने के दौरान ही अंकित शर्मा को भी निशाना बनाया गया था।
अंकित शर्मा मर्डर केस: ताहिर हुसैन पुलिस की चार्जशीट में मेन आरोपीhttps://t.co/otR1wCYQB5
— NBT Dilli (@NBTDilli) June 3, 2020
दिल्ली पुलिस का कहना है कि दंगे कराने के लिए ताहिर हुसैन ने करोड़ों ख़र्च किए थे। इस दौरान वह जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद से लगातार संपर्क में था। वो खालिद सैफी से भी सम्पर्क में था।
सैफी शाहदरा के खुरेजी खास में हुए दंगों का आरोपित है। क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने कड़कड़डूमा कोर्ट में ये खुलासे किए। इस मामले में ताहिर और उसके भाई शाह आलम सहित 15 आरोपित हैं। ताहिर हुसैन ने दंगों से पहले एक लाइसेंसी पिस्टल रिलीज करवाया था, जिसका उसने इस्तेमाल किया। उसके पास 75 गोलियों का कोई हिसाब नहीं है। जनवरी के दूसरे हफ्ते में उसने 1.1 करोड़ रुपए फर्जी सेल कम्पनियों को ट्रान्सफर किया था और बाद में उसने इसे कैश में वापस लिया।
कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया है कि वो दंगे भड़का रहा था। पुलिस ने उस वीडियो को भी सबूत के तौर पर लिया है, जिसमें ताहिर हुसैन के गुंडे पेट्रोल बम फेंकते दिख रहे हैं। ताहिर हुसैन का दावा था कि वो ख़ुद दंगे की जद में आ गया था और उसने बार-बार पुलिस के नंबर पर फोन कर के मदद माँगी थी। जबकि दो दंगाई उसके परिसर से ही गिरफ़्तार किए गए थे। कुछ आरोपितों की भी मोबाइल फोन की जाँच होनी बाकी है।