आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा को ताहिर हुसैन के गुंडों ने मिल कर मार डाला। उन्हें काफ़ी भयावह मौत दी गई। ताहिर हुसैन फ़िलहाल फरार है। अंकित के साथ-साथ उसके गुंडों ने 3 अन्य लोगों को भी उठाया था, जिनकी लाशें उसके घर के पास स्थित गंदे नाले से मिली। अंकित ड्यूटी से लौट कर अपनी गाड़ी पार्क करने के बाद दोनों पक्षों को समझाने गए थे लेकिन मुस्लिम दंगाई भीड़ ने उनकी एक न सुनी और उन्हें घसीटते हुए ताहिर हुसैन की 4 मंजिला इमारत में ले गए। वहीं उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। अब एक चश्मदीद का बयान आया है, जिन्होंने अंकित को आख़िरी बार देखा था।
ऑपइंडिया ने प्रदीप वर्मा से बातचीत की और जाना कि उन्होंने अंकित शर्मा को आखिरी बार कब देखा था? प्रदीप ने बताया कि आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद ताहिर हुसैन के घर के पीछे उसके कई गुंडे जमा थे। अंकित उनसे हाथ-पाँव जोड़ कर विनती कर रहे थे कि वो पत्थरबाजी न करें। तभी दंगाई भीड़ अचानक से आगे बढ़ी और उन्होंने मिल कर अंकित की पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद उन्हें पकड़ के घसीटते हुए ताहिर हुसैन की इमारत के भीतर ले जाया गया।
प्रदीप ने कहा कि अंकित शर्मा का उसके बाद कुछ अता-पता नहीं चला और सीधा नाली से उनकी लाश ही बरामद हुई। प्रदीप के साथ भी काफ़ी ज़्यादतियाँ की गईं। उन्हें मारा-पीटा गया और उनकी गाड़ी के शीशे फोड़ डाले गए। उन्होंने बताया कि ताहिर हुसैन के गुंडों के सामने हिन्दुओं की बहुत बुरी स्थिति थी। बकौल प्रदीप वर्मा, अंकित को पीट कर घसीटते हुए ले जाते समय उन्हें 8 लोग जबरन पकड़े हुए थे। बता दें कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि अंकित शर्मा पर 400 बार चाकुओं से वार किया गया था। उनके साथ 6 घंटे तक ये सब किया जाता रहा।
चश्मदीद प्रदीप वर्मा ने बताया कि उन पर भी लोहे की रॉड से वार किया गया। उन्होंने बताया कि अब तक पुलिस ने उन्हें गवाह बनाने की कोई कोशिश नहीं की है। हालाँकि, उन्होंने पुलिस को दिए गए बयान में भी अपना अनुभव दर्ज करा दिया है।
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