IDBI बैंक ने जानकारी दी है कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाए सारे पैसे की उन्होंने वसूली कर ली है। बैंक ने बताया है कि इससे जून 2021 के तिमाही में उसके शुद्ध लाभ में 318% का उछाल आया है।
पहली तिमाही (Q1) के नतीजों की घोषणा करते हुए बैंक के एमडी और सीईओ राकेश शर्मा ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस से मूलधन के रूप में 278 करोड़ रुपए और ब्याज आय के रूप में 331 करोड़ रुपए, कुल मिलाकर 753 करोड़ रुपए की वसूली की गई है। पिछले महीने, एयरलाइंस के ऋणदाताओं ने विजय माल्या की United Breweries के शेयरों से 7,181 करोड़ रुपए की वसूली की थी। वहीं ईडी ने भी भगोड़े माल्या की संपत्ति कुर्क करके बैंकों को हुए नुकसान की भरपाई की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आईडीबीआई बैंक ने जून 2021 को समाप्त तिमाही में 603 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया, जबकि 1 साल पहले इसी अवधि में उन्हें 144 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। एमडी राकेश शर्मा ने बताया कि बैंक को उम्मीद है कि इस रिकवरी से वह अपने ग्रॉस नॉन पर्फॉर्मिंग असेट्स को 15% से नीचे ला पाएँगे।
शर्मा का कहना है कि इस बार हुए लाभ के पीछे कई कारण थे, उनमें से एक बकाए पैसे का मिलना भी था। वह बताते हैं कि इसके बाद वह यूनिवर्सल बैंक के तौर पर 10 % बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि खुदरा और कॉर्पोरेट कारोबार का मौजूदा 60:40 अनुपात जारी रहेगा।
बता दें कि LIC द्वारा सरकार से हिस्सेदारी हासिल करने के बाद आईडीबीआई बैंक को एक निजी ऋणदाता (private lender) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वहीं सरकार और एलआईसी ने बैंक में अपनी हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने का प्रस्ताव रखा है।
उल्लेखनीय है कि IDBI बैंक द्वारा जानकारी साझा करने के बाद विजय माल्या ने इस पर तंज कसा था। माल्या ने खबर शेयर करते हुए जताया कि आईडीबीआई बैंक ने एयरलाइंस के ऊपर 753 करोड़ रुपए का बकाया वसूल लिया है। लेकिन फिर भी बैंक उसे बकायादार कहते हैं।
And the Banks say I owe them money ! pic.twitter.com/XnWSjXnnF9
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) July 29, 2021
इससे पहले भगोड़े विजय माल्या को लंदन की हाईकोर्ट ने दिवालिया घोषित किया था। उस समय माल्या ने लिखा था कि उसकी कुल 14000 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई है जबकि कर्ज सिर्फ 6, 200 करोड़ रुपए का ही था। माल्या ने बैंकों पर आरोप मढ़ा था कि चूँकि ईडी ने 9 हजार करोड़ रुपए की नकद राशि और 5 हजार करोड़ रुपए की प्रतिभूतियाँ बैंकों को सौंप दी है। बैंकों ने इसीलिए कोर्ट से कहकर उसे दिवालिया घोषित करवाया है, क्योंकि उन्हें ईडी को बाकी पैसे वापस करने पड़ते।