Sunday, November 17, 2024
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देश विरोधी गतिविधियों से दूर रहें: IIT बॉम्बे का सर्कुलर, यहीं से पढ़ा है शाहीन बाग का मास्टरमाइंड शरजील

आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले परिसर से तिरंगा यात्रा भी निकाली थी। इस यात्रा में 1000 फीट लंबे तिरंगे के साथ 1,500 से अधिक छात्रों, प्रोफेसरों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों समेत उनके परिवार के सदस्यों ने भाग लिया था।

आईआईटी बॉम्बे ने हॉस्टल में रह रहे छात्रों के लिए नया सर्कुलर जारी किया है। छात्रों से देश विरोधी और असमाजिक गतिविधियों से दूर रहने को कहा है। डीन आफ स्टूडेंट अफेयर्स की इजाजत के बिना कोई भी पोस्टर या पम्फलेट नहीं बॉंटा जा सकेगा। साथ ही छात्रों से ऐसी बयानबाजी से भी दूर रहने को कहा गया है जिससे अशांति पैदा हो।

उल्लेखनीय है कि शाहीन बाग का मास्टरमाइंड शरजील इमाम भी यहॉं से पढ़ा है। उसे देशद्रोह के आरोप में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बिहार से गिरफ्तार किया था। शरजील का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह समुदाय विशेष को असम को भारत से काटने के लिए उकसा रहा था।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 15 बिंदुओं वाली नियमावली स्टूडेंट्स अफेयर्स के असोसिएट डीन प्रफेसर जॉर्ज मैथ्यू की ओर से भेजी गई है। इसके 10वें प्वाइंट में कहा गया है कि यहॉं रहने वाले लोग किसी भी देश विरोधी, गैर सामाजिक या किसी अवांछनीय गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनेंगे। यह सकुर्लर ऐसे वक्त में जारी किया गया है जब पिछले हफ्ते छात्रों के एक समूह ने संस्थान के निदेशक को एक खुला पत्र लिखा था। इसमें परिसर में राजनीतिक गतिविधियों पर रोक को लेकर उनकी आलोचना की गई है।

नए सर्कुलर में कहा गया है कि कैंपस के सुरक्षाकर्मियों को उपद्रवियों पर कार्रवाई करने का पूरी तरह से अधिकार है। इसमें कहा गया है, “भाषण/नाटक/संगीत या अन्य गतिविधियॉं जिससे हॉस्टल का वातावरण खराब हो पूरी तरह से प्रतिबंधित है। फैकल्टी के शिरकत करने पर भी इसकी इजाजत नहीं होगी।”

IIT बॉम्बे द्वारा जारी किया गया सर्कुलर

बताया जा रहा है कि देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में हुए हिंसक पद्रर्शनों को देखते हुए यह सर्कुलर जारी किया गया है। हालॉंकि नए सर्कुलर पर छात्रों के एक वर्ग ने आपत्ति भी जताई है। खासकर इसमें इस्तेमाल किए गए ‘ऐंटी नेशनल’ शब्द को। कुछ छात्रों ने इसे आंतरिक आपातकाल बताते हुए कहा है कि संस्थान ने यह साफ नहीं किया है कि कौन सी गतिविधियाँ राष्ट्र विरोधी हैं और कौन सी नहीं। इसकी आड़ लेकर संस्थान किसी भी छात्र को फँसा सकता हैं। एक छात्र के मुताबिक दूसरे विश्वविद्यालयों में सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए यह सर्कुलर जारी किया गया है ताकि विरोध की आवाज़ को पहले ही शांत किया जा सके।

इससे पहले 9 जनवरी को भी संस्थान ने एक छात्रों और कर्मचारियों के लिए एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कैंपस में ऐसी कोई गतिविध न हो, जिससे हमारे और सरकार के बीच किसी भी प्रकार के संबंध खराब हों। आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले परिसर से तिरंगा यात्रा भी निकाली थी। इस यात्रा में 1000 फीट लंबे तिरंगे के साथ 1,500 से अधिक छात्रों, प्रोफेसरों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों समेत उनके परिवार के सदस्यों ने भाग लिया था। यह यात्रा लगभग साढ़े चार किलोमीटर तक कॉलेज परिसर को जोड़ने वाले रास्ते पर चली। इस मार्च का विषय ‘आईआईटी बॉम्बे फॉर नेशन-बिल्डिंग’ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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