Saturday, November 16, 2024
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PM मोदी ने किया विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का आगाज, कोरोना वैक्सीनेशन पर प्रोपेगेंडा से किया आगाह

टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन 3 लाख की रिकॉर्ड संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका दिया जाएगा और इसके लिए देश भर में 3006 साइट्स तैयार किए गए हैं।

भारत के लिए शनिवार (जनवरी 16, 2021) का दिन बहुत बड़ा है, क्योंकि इस दिन विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। इसका आगाज़ सुबह 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन के साथ हुआ। कोरोना वायरस पर अंतिम प्रहार के रूप में होने वाले इस टीकाकरण अभियान के लिए 2 मॉक ड्रिल्स पहले ही किए जा चुके हैं। प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ये रूटीन टीकाकरण अभियान चलेगा।

टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन 3 लाख की रिकॉर्ड संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका दिया जाएगा और इसके लिए देश भर में 3006 साइट्स तैयार किए गए हैं। PMO पहले ही कह चुका है कि ये पूरे देश की लम्बाई-चौड़ाई को मापने वाला अभियान होगा। स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन देने का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। सार्वजनिक हेल्थकेयर केंद्रों पर टीकाकरण के लिए जगह तैयार की गई है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं, लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन तैयार हुई हैं। उन्होंने जनता को इस बारे में भी जागरूक किया कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है।

पधानमंत्री ने समझाया कि पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। साथ ही बताया कि दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। उन्होंने आँकड़े गिनाए कि दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है, और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।

बकौल पीएम मोदी, भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है और जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। उन्होंने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी। उन्होंने कहा, “अब वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है।”

प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि दूसरे चरण में कोरोना के खिलाफ इस टीकाकरण अभियान को 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका। पीएम ने कहा कि भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है और हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया। उन्होंने कहा:

“कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा। हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। इसलिए, देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाह और दुष्प्रचार से बचकर रहना है। संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स।”

पीएम मोदी ने बताया कि भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। उन्होंने कहा कि विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हजार रुपये तक में हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है। उन्होंने जानकारी दी कि हर हिंदुस्तानी इस बात का गर्व करेगा की दुनिया भर के करीब 60% बच्चों को जो जीवन रक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं और भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से होकर ही गुजरते हैं।

पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत में ‘Tried and Tested’ है। उन्होंने कहा कि ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। साथ ही उम्मीद जताई कि वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी। कोरोना टीकाकरण अभियान पर पीएम मोदी ने कहा कि ये ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ताकत है।

टीकाकरण अभियान के शुभारंभ के दौरान पीएम मोदी का सम्बोधन

बता दें कि भारत के वैक्सीन की माँग पूरे देश-विदेश में है। अब तक ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, मंगोलिया और श्रीलंका जैसे देशों ने आधिकारिक रूप से भारत से वैक्सीन के लिए अनुरोध किया है। कई देशों ने भारत से अनुरोध किया है कि वे सरकारी स्तर पर (गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट के आधार पर) या सीधे वैक्सीन डेवलपर्स के साथ समझौते की छूट दी जाए। नेपाल ने भी 1.2 करोड़ डोज माँगे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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