मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की राजधानी में घुस कर ‘किसान’ प्रदर्शनकारियों ने दिन भर हिंसा की। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई। वो ट्रैक्टर से स्टंट मारते हुए पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ रहा था, लेकिन अपनी ही ट्रैक्टर पलटने के कारण खुद उसके नीचे आ गया। अब ‘टाइम्स नाउ’ की पद्मजा जोशी ने इस घटना को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
उन्होंने कहा, “इस महीने की शुरुआत में जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा था तो CJI बोबडे ने कहा था कि अगर कुछ गलत हो जाता है तो उस खून के भागी हम लोग नहीं बनना चाहते। आज जो भी हुआ है, वो इन्हीं प्रदर्शनकारियों के हाथों पर लगा हुआ खून है। एक 24 साल के युवा किसान की मृत्यु हो गई और लोगों ने इसे पुलिस के अत्याचार के रूप में दुष्प्रचारित किया। लेकिन, वास्तविकता में जो हुआ वो बात कुछ और ही है।”
बता दें कि ‘Times Now’ के प्रियांक त्रिपाठी मौके पर मौजूद थे और उन्होंने अपनी आँखों से इस हादसे को देखा। उन्होंने देखा कि जब खून से लथपथ उक्त किसान को दिल्ली पुलिस वहाँ से निकाल कर बचाने की कोशिश कर रही थी और अस्पताल लेकर जा रही थी, तब वहाँ मौजूद ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ ने ऐसा नहीं करने दिया। पद्मजा जोशी ने संवाददाता प्रियांक के हवाले से ये खुलासा किया और इसे ‘भयावह वास्तविकता’ करार दिया।
‘टाइम्स नाउ’ की रिपोर्ट में प्रियांक को मौके पर मौजूद देखा जा सकता है और वो पूरे घटनक्रम की कमेंट्री कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दिखाया कि कैसे उक्त किसान प्रदर्शनकारी की ट्रैक्टर पलट गई, जिसके बाद वो बेहोश हो गया। ट्रैक्टर से तेल निकल कर सड़क पर बह रहा था। लेकिन वहाँ ज्यादा से ज्यादा प्रदर्शनकारी जमा हो जाते हैं और वो सभी वहाँ स्थित भाजपा के दफ्तर के पास इकट्ठा होते हैं।
Ground report from earlier in the day by TIMES NOW’s Priyank when the tractor met with the accident.
— TIMES NOW (@TimesNow) January 26, 2021
Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | #RDaySpiritShamed pic.twitter.com/iBVXE7vFpA
इस दौरान उन्होंने बताया कि इन ‘किसान’ प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस पर जम कर पत्थरबाजी भी की है और वो फिर से पथराव पर उतारू हैं, जबकि पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश में लगी हुई है। उन्होंने भाजपा दफ्तर को भी निशाना बनाया।
लाइव वीडियो में संवाददाता ने बताया कि जहाँ एक्सीडेंट के बाद किसान बेहोश पड़ा था, वहाँ अन्य प्रदर्शनकारी लाठी और तलवार लेकर खड़े होकर पुलिस को धमका रहे थे। उसे इलाज के लिए नहीं ले जाने दिया जा रहा था। ट्रैक्टर पलटने से घायल किसान का पुलिस इलाज कराना चाहती थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों के चलते उसकी मौत हुई।
इसी दौरान ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक और फेक न्यूज़ फैला दी थी और पोल खुलने पर अपना ट्वीट चुपके से डिलीट भी कर दिया। उन्होंने लिखा था कि लिखा कि इसकी मौत पुलिस की गोली से हुई है। लेकिन, असलियत ये थी कि ड्राइवर ने काफी तेज रफ्तार से चल रहे ट्रैक्टर को अचानक से मोड़ दिया, जिसकी वजह से संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर पलट गया। अब ट्विटर पर ‘अरेस्ट राजदीप सरदेसाई’ ट्रेंड हो रहा है।